ऋषिकेश। बैसाखी फैसलों का त्योहार बनें। अब समय फैसलों का आ गया है ऐसे फैसले जो फासलों को दूर करें, समरसता सहभागिता और सौर्हाद बढायें। ऐसे फैसले जो सच्चाई के साथ हर हाथ सफाई के लिये जुट जायें समृद्वि के लिये भीतर भी और बाहर भी तभी तो उत्सव मनेगा। तभी तो होगा सबका विकास, सबके लिये विकास।फिर बैसाखी तो मनायेंगे पर किसी को बैसाखी के बल पर नहीं। बल्कि आत्मविश्वास और सामूहिक परिश्रम के बल पर। आईये ले संकल्प हम आत्मनिर्भर होंगे आत्म गौरवान्वित होंगे। यही तो है भारत का सपना, जहाँ हर कोई हो अपना। ये संदेश स्वामीजी ने बैसाखी पर देश को दिया