इटली। इटली की उच्चतम अदालत ने एक सिख को कृपाण रखने की मंजूरी देने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने स्थानीय मान्यताओं का हवाला देते हुए ये फैसला दिया। मामला इटली के वेस्टर्न वर्ल्ड का है और कोर्ट ने माइग्रेंट्स को लोकल वैल्यूज की बात कहकर इसकी अनुमति देने से मना कर दिया।
मामले को कोर्ट मे नॉदर्न इटली के गोइटो में रहने वाले एक सिख ने उठाया और इसे लेकर इटली की उच्चतम अदालत में याचिका दायर की। याचिकाकर्ता ने कहा कि उसके मजहब में कृपाण रखना जरूरी है। कोर्ट ने जब मामले को सुना तो सीधे उसकी अपी खारिज कर दी और कहा कि बाहर के विदेशियों को इस देश की स्थानीय मान्यताओं का ख्याल रखें।
अदालत ने अपने ऑर्डर में आगे कहा, “हो सकता है ये आपके लिए जरूरी हो (कृपाण रखना)। हो सकता है जिस देश के आप हों, वहां इसकी कानूनन मंजूरी भी हो। लेकिन, जिस देश में आप रह रहे हैं, वहां इसे सहन नहीं किया जा सकता यानी इसकी इजाजत नहीं दी जा सकती।” “कई तरह के लोगों से समाज बनता है और ये जरूरी भी है। लेकिन, इसकी वजह से टकराव ना हो- ये ध्यान रखा जाना चाहिए। इस देश की कल्चरल यूनिटी और ज्युडिशियरी भी है। लोगों की सेफ्टी जरूरी है। हम ऐसे किसी भी काम को मंजूरी नहीं दे सकते, जिससे लोगों को नुकसान पहुंच सकता हो।”
मामले की गंभीरता को देखते हुए सिख याचिकार्ता का नाम जगजाहिर नहीं किया गया है। हालांकि इस मामले को लेकर इटली और भारत के सिख समुदाय में भारी रोष है।