विश्व पर्यावऱण दिवस रायपुर, ०४ जून: प्रजापति ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा शान्ति सरोवर में रविवार को पर्यावरण महोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसमें वन मंत्री महेश गागड़ा ने शिरकत की. पर्यावरण महोत्सव कार्यक्रम के अवसर पर वनमंत्री ने अपनी बात रखी. चर्चा का विषय था- पर्यावरण सरंक्षण और हमारा दायित्व. उन्होंने कहा कि हम लोग विकास की दौड़ में अपने मूल को छोडक़र आगे बढ़ रहे हैं. यह दौड़ हमें पाश्चात्य संस्कृति की ओर ले जा रही है. अब हमें फिर से अपने मौलिक जीवन की ओर आना होगा. दैनिक जीवन में प्लास्टिक का कम से कम उपयोग करने की सलाह देते हुए महेश गागड़ा जी ने कहा कि प्लास्टिक का उपयोग पर्यावरण को बहुत नुकसान पहुँचा रहा है. इसका उपयोग प्रतिबन्धित करने की जरूरत है. आजकल पर्यावरण सरंक्षण के लिए संकल्पित होने की आवश्यकता है. लोग घरों में जगह कम होने के कारण बोन्साई पेड़ लगा रहे हैं किन्तु इससे पर्यावरण का सरंक्षण नहीं हो सकता. अगर किसी के घर में जगह होती भी है तो वह मनी प्लान्ट लगाने में रूचि रखते हैं. आम, नीम, करंज जैसे पेड़ लगाने में लोगों की रूचि कम होती जा रही है. अगर आपके घरों में या उसके आसपास जगह है तो छायादार और फलदार पेड़ अवश्य लगाएं.
कुशाभाउ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. मानसिंह परमार ने कहा कि हमारे देश में प्रकृति को माँ का दर्जा दिया गया है. उन्होंने कहा, “पहले गाँवों में तालाब बनाए जाते थे. कुएं और बावडियां खोदी जाती थी. इस प्रकार प्रकृति का सरंक्षण किया जाता था. किन्तु आज स्थिति इतनी खराब हो गई है कि आने वाली पीढ़ी को पीने के लिए साफ पानी भी हम नहीं दे सकेंगे. ऐसे समय पर जन जागृति लाने के लिए मीडिया अपना बहुमूल्य योगदान दे सकता है.
ब्रह्माकुमारी संस्थान की क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी कमला दीदी ने भी इस विषय पर अपनी बात रखी. पर्यावरण प्रदूषण एक वैश्विक समस्या है. इसलिए इस पर गम्भीरता से विचार करने की जरूरत है. प्रकृति के अत्यधिक दोहन से सारी समस्या पैदा हुई है. प्रकृति ने हमें दैनिक उपयोग के लिए सारी चीजें दी हैं किन्तु जब हम उनका बेतहाशा दुरूपयोग करने लग पड़ते हैं तब समस्या पैदा होती है. उन्होंने प्राकृतिक संसाधनों का दुरूपयोग नहीं करने और अधिकतम सदुपयोग करने की सलाह दी.