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14वें तिब्बती आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा का 85वां जन्मदिन आज

नई दिल्ली, 6 जुलाई: 14वें तिब्बती आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा का 85वां जन्मदिन आज मनाया जाएगा और उनके अनुयायियों  में इस दिन को लेकर काफी खुशी है।



अपने जन्मदिन के अवसर पर दलाई लामा ने ट्विटर पर अमेरिकी भौतिक विज्ञानी डेविड बोह्म के बारे में स्पेशल ऑनलाइन स्क्रीनिंग की योजना का ऐलान किया है, जिन्हें तिब्बती धर्मगुरु अपने साइंस के गुरुओं में से एक मानते हैं।

बता दें कि रविवार को दलाई लामा ने जन्मदिन के एक दिन पहले ताइवान में आयोजित समारोहों के दौरान जनरल टीचिंग ऑन माइंड की ट्रेनिंग भी दी।

14वें  दलाई लामा का जन्म 6 जुलाई 1935 को हुआ था। बचपन से वे तिब्बतियों की परेशानियों को समझने लगे थै औऱ इसके लिए वे चीन के खिलाफ आवाज उठाने लगे।

भारत ने दलाई लामा को तब शरण दी थी, जब वह मात्र 23 वर्ष के थे। दलाई लामा को मुख्य रूप से शिक्षक के तौर पर देखा जाता है क्योंकि लामा का मतलब गुरु होता है। दलाई लामा अपने लोगों को सही रास्ते पर चलने की प्रेरणा देते हैं।

यह भी पढ़ें-दलाईलामा का 85वां जन्मदिन ‘इयर ऑफ़ ग्रैटीट्यूड’ के रुप में मनाया जाएगा

चीन के अत्याचार से परेशान होकर दलाईलामा पहुंचे भारत 

दरअसल 13वें दलाई लामा ने 1912 में तिब्बत को चीन से स्वतंत्र घोषित कर दिया था और इस वजह से सन 1950 में चीन के लोगों ने तिब्बत पर आक्रमण कर दिया था और यह तब हुआ जब वहां 14वें दलाई लामा के चुनने की प्रक्रिया चल रही थी। तिब्बत को इस लड़ाई में हार का सामना करना पड़ा।

कुछ सालों बाद तिब्बत के लोगों ने चीनी शासन के खिलाफ विद्रोह कर दिया और अपनी आजादी की मांग करने लगे। हालांकि विद्रोहियों को इसमें सफलता नहीं मिली।

दलाई लामा को लगा कि वह चीन के जाल में बुरी तरह से फंस जाएंगे तो सन 1959 में उन्होंने भारत में शरण ली। दलाई लामा के साथ भारी संख्या में तिब्बती भी भारत आए थे।



भारत में निर्वासन में रह रहे तिब्बतियों की संख्या 80,000 से अधिक है और सभी हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला के हिमालयी शहर में निर्वासन में रहने लगे।

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Post By Shweta