इसाई बन चुके 153 वनवासी ने की हिन्दू धर्म वापसी
बांका, 12 नवम्बर; सांझोतरी-राजापोखर में आयोजित पांच दिवसीय रूद्राक्ष महाभिषेक के अंतिम दिन शुक्रवार को पूर्व में ईसाई धर्म अपना चुके 153 आदिवासियों ने फिर से हिंदू धर्म में वापसी की. इन वनवासी परिवारों को भगवा वस्त्र पहना कर अभिषेक कार्यक्रम में सम्मलित कराया गया.
उन्होंने करीब तीन घंटे तक भगवान शिव की आराधना की. वनवासी महिलाओं ने भी अनुष्ठान पूरे किए. इनमें कुछ वनवासी परिवार रुद्राक्ष अभिषेक में यजमान भी बने. धर्म जागरण के प्रांत संगठन मंत्री सूबेदार सिंह ने खुले मंच से वनवासी परिवारों की घर वापसी की घोषणा की. इस दौरान नीमच के महामंडलेश्वर सुरेशानंद, बिहार के कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार, राजस्व मंत्री रामनारायण मंडल, पूर्व सांसद पुतुल कुमारी सहित बड़ी संख्या में साधु संत व आरएसएस प्रचारक और हजारों की भीड़ उपस्थित थी.
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वनवासी परिवारों ने धारण किया रूद्राक्ष
रूद्राक्ष महाभिषेक स्थल के पास के पथरिया, राजापोखर, चिलकारा, सांगा, चुआपानी, भलजोर टोला, सांझोतरी और डुमरिया गांव के कई आदिवासी और बिहारी ईसाई परिवारों ने घर वापसी की . राजपोखर के वार्ड पार्षद सूरज लाल किस्कू, सादिक लाल किस्कू, नुनूलाल हेम्ब्रम, ताला हेम्ब्रम आदि का नाम इनमें प्रमुख है.
इसके अलावा पथरिया गांव के उद्धव पंडित अपने समाज के कई लोगों के साथ हिन्दू धर्म में लौटे. वार्ड पार्षद सूरज लाल ने बताया कि आदिवासी परिवार हिन्दू धर्म ही मानते हैं. कुछ लोगों को भ्रम हुआ था. वे भी अब आकर शिव की पूजा कर रहे हैं.
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आयोजन समिति प्रमुख सूबेदार सिंह और सह प्रमुख रामाशंकर सिंह ने बताया कि धर्म जागरण ने इस इलाके में धर्मांतरण के बढ़ते प्रभाव को देख ही रुद्राक्ष अभिषेक कराया. खुशी की बात है कि इस आयोजन से हम कई परिवारों को ईसाई से हिन्दू धर्म में वापस लाने में सफल हुए हैं. आदिवासी परिवारों ने खुद क्रॉस को त्याग कर रुद्राक्ष को अपनाया.
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