30th Internation Yoga Festival का परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश में आगाज
- संगीत से सैनिकों को अर्पित की श्रद्धाजंलि
- शिवमणि के संगीत से करेंगे अभिनन्दन अपने वायुवीर अभिनन्दन का
- अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव, भारत के शहीद जवानों को समर्पित किया
- 30 वाँ वार्षिक विश्व प्रसिद्ध अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव का आगाज
- 70 देशों के 1100 से अधिक प्रतिभागियों ने किया सहभाग
- पर्यटन मंत्री श्री सतपाल जी महाराज, वन, पर्यावरण एवं आयुष मंत्री श्री हरक सिंह रावत जी, परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी, श्री राधानाथ स्वामी जी, अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव की निदेशक साध्वी भगवती सरस्वती और विश्व के विभिन्न देशों से आये योगाचार्यो ने दीप प्रज्जवलित कर अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव का शुभारम्भ किया
- स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने माननीय मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत जी के स्वास्थ्य लाभ की कामना कीप्रसिद्ध तालवादक शिवमणि के ड्रम की थाप पर योगी हुये भावविभोर
- स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने एकता, सद्भाव, समरसता, सादगी और सरलता का दिया संदेश
- ’’जीवन की हर समस्या का एक टोल फ्री नम्बर है ’योग’
- योग करें, रोज करें, मौज करें, करें योग, रहें निरोग – स्वामी चिदानन्द सरस्वती’’
1 मार्च, ऋषिकेश। परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश, अतुल्य भारत, पर्यटन मंत्रालय, के सहयोग से परमार्थ निकेतन द्वारा आयोजित 30 वें वार्षिक विश्व विख्यात अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव का परमार्थ निकेतन में शुभारम्भ हुआ।
पर्यटन मंत्री श्री सतपाल जी महाराज, वन, पर्यावरण एवं आयुष मंत्री श्री हरक सिंह रावत जी, परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी, अमेरिका से आये श्री राधानाथ स्वामी जी, अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव की निदेशक साध्वी भगवती सरस्वती, जर्मनी एवं कोलम्बिया से आये स्वामी परमाद्वैति जी, विश्व के विभिन्न देशों से आये जनजाति और आदिवासियों के प्रमुखों और विश्व के विभिन्न देशों से आये योगाचार्यो ने दीप प्रज्जवलित कर अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव की शुभारम्भ किया।
विशेष- अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव के उद्घाटन समारोह में परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज के नेतृत्व में गंगा के पावन तट पर उपस्थित सभी योग जिज्ञासुओं और योगाचार्यो ने भारत के शहीद जवानों को श्रद्धाजंलि अर्पित की।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा कि आज देश को ’’सैनिक योग’’ की जरूरत है यह किसी जंग के लिये नहीं; किसी को तंग करने के लिये नही; किसी को दंग करने के लिये नहीं बल्कि शान्ति के लिये है। उन्होने भारत के ऊर्जावान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी कि शूरता, धैर्य, संयम और साहस को अभिनन्दन और वंदन करते हुये कहा कि ’’भारत की शूरता भी शान्ति के लिये है और भारत का शौर्य भी शान्ति के लिये है जैसे ही भारत के वायुवीर ने अभिनन्दन का भव्य अभिनन्दन किया यह दृश्य देखने जैसा था। जैसे ही भारत के वायुवीर ने बाघा बार्डर क्रास किया ठीक उसी समय गंगा तट पर परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश में गंगा तट से सभी ने मिलकर अभिनन्दन का भव्य अभिनन्दन किया।
स्वामी जी महाराज ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री जी का दिल ऐसा है जो अपने आप में एक पूरा देश है; एक दुनिया है। जो अपने लिये नहीं बल्कि अपनों के लिये जीता है, जिसे आज पूरा विश्व देख रहा है और महसूस कर रहा है। यह अद्भुत बात है कि उन्हें सोल में जो शान्ति पुरस्कार मिला उसकी पूरी राशि उन्होने शहीदों, सैनिकों के परिवार और उनके बच्चों के लिये समर्पित कर दिया। यह अन्तर्राष्ट्रीय सम्मान उन सैनिकों को समर्पित कर दिया जिन्होंने शान्ति और देश की सुरक्षा के लिये अपना बलिदान दे दिया।
अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव की निदेशक साध्वी भगवती सरस्वती जी ने कहा कि हम गंगा के तट पर आज डिवाइन दर्शन, योग दर्शन और वसुधैव कुटुम्बकम का प्रत्यक्ष दर्शन कर रहे हैं। इस समारोह के माध्यम से हमें अतुल्य विश्व के दर्शन हो रहे हैं। योग महोत्सव, आनन्द का उत्सव है। योग के माध्यम से हम आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन, और विश्व में व्याप्त सभी समस्याओं को हल कर सकते हैं।
पर्यटन मंत्री श्री सतपाल जी महाराज ने कहा कि स्व से जुड़ने का माध्यम है योग। योग में स्वयं से जुड़ने का पासवर्ड है और योगाचार्य उस पासवर्ड का ज्ञान कराते है। उन्होने योग की धरती पर सभी का स्वागत और अभिनन्दन किया।
वन, पर्यावरण एवं आयुष मंत्री श्री हरक सिंह रावत जी, ने कहा कि योग गंगा और हिमालय की धरती से निकलकर पूरी दुनिया तक पहुंच गया यह हमारे लिये गर्व का विषय है। यहां पर सभी को माँ गंगा का आशीर्वाद और योग के माध्यम से शारीरिक और मानसिक शान्ति प्राप्त होती है।
अमेरिका के योगाचार्य टाॅमी रोजेन ने सभी का अभिनन्दन करते हुये कहा कि यहां पर योग करने का सचमुच अद्भुत अनुभव है क्योंकि भारत के पास गंगा है, पूज्य संतों का अद्भुत सान्निध्य है और अपार आध्यात्मिक ऊर्जा है। योग वैश्विक परिवार, एकता और एकजुटता का संदेश देता है। उन्होने कहा कि आप परमार्थ निकेतन में है अर्थात आप अपने घर में हैं।
मुम्बई से आयी दीपिका मेहता ने कहा कि मैं परमार्थ निकेतन में विगत सात वर्षांे से आ रही हँू यहां पर सब कुछ अद्भुत और नवोदित है। योग महोत्सव में योग के माध्यम से आध्यात्मिकता के साथ अपने जड़ों से जुड़ने का अवसर प्राप्त होता है।
अमरीका की योग सुपर स्टार योगाचार्य सुश्री शाॅन काॅर्न ने कहा कि मैं जब पहली बार परमार्थ निकेतन ऋषिकेश आयी और मैने स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज से वायु, जल, मिट्टी, पर्यावरण, महिला सशिक्तकरण हेतु प्रार्थना करते सुना तब मेरा हृदय परिवर्तन हुआ और मैं पूर्ण रूप से यहां से जुड़ गयी। उन्होने कहा कि योग हमें स्वतंत्रता देता है, शान्ति देता है और प्रेम देता है इसके बिना जीवन सम्भव नहीं है।
आज की दिव्य गंगा आरती भारत के शहीद जवानों को समर्पित की। विश्व के अनेेक देशों से आये योगाचार्यों एवं योग जिज्ञासुओं ने गंगा आरती के माध्यम से भारतीय संस्कृति को आत्मसात किया। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने माननीय मंत्री श्री सतपाल जी महाराज, श्री हरक सिंह रावत जी और अन्य विशिष्ट अतिथियों को पर्यावरण का प्रतीक रूद्राक्ष का पौधा भेंट किया। स्वामी जी महाराज के सान्निध्य में विश्व के विभिन्न देशों से आये अतिथियों ने परमार्थ निकेतन की नवोदित परम्परा ’’वाटॅर ब्लेसिंग सेरेमनी’’ सम्पन्न की साथ ही सभी ने नदियों को प्रदूषण मुक्त करने की प्रार्थना की।
आज की शाम का शुभारम्भ विश्व विख्यात तालवादक शिवमणि के मधुर संगीत के साथ हुई। संगीत के माध्यम से भारत के वीर जवानों को श्रद्धाजंलि अर्पित की। तालवादक शिवमणि जी के संगीत से आज पूरा वातावरण संगीतमय हो गया संगीत के ताल पर सभी थिरकने लगे।
विशेष सत्र
अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव का शुभारम्भ विश्व के विभिन्न देशों से आये आदिवासी और जनजाति के प्रमुखों ने 5ः00 बजे ’’स्वेट लाॅज’’ साधना के माध्यम से शरीर का शुद्धिकरण समारोह में अपनी स्थानीय भाषा में प्रार्थना, गीत-संगीत और ध्यान की संयुक्त प्रक्रिया द्वारा सम्पन्न किया।
प्रातःकाल योगाचार्य डाॅ इन्दु शर्मा जी ने नेतृत्व में पारंपरिक हठ योगासन, योगाचार्य श्री संदीप देसाई जी ने चेन ताई ची, मुम्बई से आयी विशेषज्ञ दीपिका मेहता जी ने नाद योग संगीत के माध्यम से अष्टांग योग, हार्ट ऑफ साउंड योग की संस्थापक अमेरिका की आनंद्रा जाॅर्ज ने ध्यान साधना, योगाचार्य आनन्द मेहरोत्रा ने ’’जागृत शिव साधना,’’ योगाचार्य गैब्रिएला बोजिका ने ’’लीडिंग लाइव्स ऑफ पर्पस’’, वैदिक मंत्र साधना का नेतृत्व योगाचार्य साध्वी आभा सरस्वती जी तथा अन्य योगाचार्यो द्वारा अनेक नवोदित योगाभ्यास कराये गये। दोपहर के सत्र में इंग्लैंड की योगचार्य पाउला तापिया जी ने चिकित्सीय योग प्रवाह, अमेरिका के टाॅमी रोजन ने ’’द मेडिटेटिव हार्ट’’, श्री संजय हाॅल जी ने ’’गोंग बाथ हीलिंग जर्नी’’ योगाचार्य शाॅन काॅर्न ने आध्यात्मिक दृष्टिकोण से हृदय को जागृत कराना’’ साथ ही योग की अनेक कक्षायें प्रातः 4ः00 बजे से रात 9ः30 बजे तक सम्पन्न हुई जिसमें प्रमुख रूप से अष्टांग योग, आयंगार योग, विन्यास योग, कुण्डलिनी योग, जीवमुक्ति योग, सिन्तोह योग, सेमैटिक योग, हठ योग, राज योग, भक्ति योग, गंगा योग, लीला योग, डीप योग आदि एक सप्ताह तक प्रस्तुत किये जाने वाले योग के मुख्य प्रारूप हैं।
इसके अतिरिक्त ध्यान, मुद्रा, वैदिक मंत्र, संस्कृतवाचन, आयुर्वेद, रेकी एवं भारतीय दर्शन की भी कक्षायें सम्पन्न हो रही है। देश-विदेश से आये हुये आध्यात्मिक महापुरूषों एवं धर्मगुरूओं द्वारा धार्मिक सवांद, जिज्ञासा सामाधान एवं प्रश्नोत्तरी का भी विशेष आयोजन इस अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव में हो रहा है।
आध्यात्मिक सत्संग और साधना सत्र में स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने योग का महत्व, श्री राधानाथ स्वामी जी ने ’’प्रेम योग’’, साध्वी भगवती सरस्वती जी ने ध्यान के महत्व पर प्रकाश डाला। विश्व के विभिन्न देशों से आये जनजाति और आदिवासियों के प्रमुखों ने अपनी स्थानीय भाषा में गंगा के शद्धिकरण, विश्व की प्रदूषित होती नदियों, पर्यावरण, प्रकृति, जलवायु परिवर्तन और नेचर, कल्चर और फ्यूचर के संरक्षण की प्रार्थना की।