56 वाँ वार्षिक वसुन्धरा रत्न अलंकरण समारोह : भूपेन्द्रभाई पंड्या और साध्वी भगवती सरस्वती ’’इन्टरनेशनल अवार्ड आॅफ एक्सेलेन्स’’ से सम्मानित
- साध्वी भगवती सरस्वती जी को ’’इन्टरनेशनल अवार्ड आॅफ एक्सेलेन्स’’ से किया सम्मानित
- भारतीय जीवन मूल्य और संस्कार ही है भारत की असली धरोहर-साध्वी भगवती सरस्वतीजी
- वसुन्धरा रत्न अलंकरण समारोह में पूज्यश्री भूपेन्द्रभाई पंड्या जी इन्टरनेशनल अवार्ड आॅफ एक्सेलेन्स से सम्मानित
ऋषिकेश/दिल्ली, 6 अक्टूबर। वृद्धजन सेवा समिति अन्तर्राष्ट्रीय द्वारा आयोजित 56 वाँ वार्षिक वसुन्धरा रत्न अलंकरण समारोह एवं सार्थक संवाद तथा प्रयास कार्यक्रम में ग्लोबल इण्टरफेथ वाश एलायंस की अन्तर्राष्ट्रीय महासचिव साध्वी भगवती सरस्वती जी को विशिष्ट अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया। इस दिव्य समारोह में जगद्गुरू श्री निम्बार्काचार्य जी, पीठाधीश्वर श्री श्याम शरणदेवाचार्य श्री, डाॅ योगेन्द्र भूतपूर्व जनरल सेक्रेटरी राज्यसभा, एच. ई. जगदीश्वर, हाई कमिशनर माॅरिशस एवं अन्य विशिष्ट अतिथिगण उपस्थित थे।
साध्वी भगवती सरस्वती जी को विश्व स्तर पर महिलाओं, बच्चों, स्वच्छता, नदियों के संरक्षण, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं शान्ति की स्थापना के लिये किये जा रहे कार्यो के लिये ’’इन्टरनेशनल अवार्ड आॅफ एक्सेलेन्स’’ से सम्मानित किया गया। वसुन्धरा रत्न अलंकरण समारोह में पूज्यश्री भूपेन्द्रभाई पंड्या जी को भी इन्टरनेशनल अवार्ड आॅफ एक्सेलेन्स से सम्मानित किया गया।
वृद्धजन सेवा समिति अन्तर्राष्ट्रीय द्वारा नई दिल्ली में आयोजित दिव्य समारोह में जगद्गुरू श्री निम्बार्काचार्य पीठाधीश्वर पूज्यपाद श्री श्यामशरणदेवाचार्य ‘श्रीजी’ महाराज के करकमल से पूज्यश्री भूपेन्द्रभाई पंड्या जी, साध्वी भगवती सरस्वती जी, पूज्य पुंडरीक गोस्वामी जी, डॉ. मनोज मोहन शास्त्री जी एवं महाराजा अग्रसेन होस्पिटल, रोहिणी के चेयरमैन श्री. घनश्याम गुप्ता जी का विविध क्षेत्रों में विशिष्ट प्रदान करने के लिए गौरव किया गया।
वृद्धजन सेवा समिति एवं श्री हरिकृष्ण वरिष्ठजन सेवा निकेतन एवं संस्थान आगरा, अनेक वर्षो से विशिष्ठ जनों की सेवा, सम्मान, सुरक्षा, स्वाभिमान, स्वास्थ्य हेतु समर्पित है साथ ही बच्चों एवं युवाओं में मानवीय एवं आध्यात्मिक मूल्यों को जाग्रत करने हेतु वर्ष 1962 से कार्यरत है।
आज के इस समारोह का उद्देश्य अपने देवतुल्य माता-पिता के साथ दुव्र्यवहार तथा उनको वृद्धाश्रमों में भेजकर भारतीय संस्कृति को क्षति पहुँचाने वालों का मार्गदर्शन एवं जनजागरण करने हेतु पूज्य संतों, शिक्षाविदों, समाजसेवी, साहित्यकारों एवं सरकार का आह्वान कार्यक्रम है।
समारोह को सम्बोधित करते हुये साध्वी भगवती सरस्वती जी ने कहा कि भारतीय सभ्यता और संस्कृति बहुआयामी संस्कृति है जिसमें प्रकृति का कण-कण समाहित है। भारतीय संस्कृति विश्व की बहुमूल्य निधि है जो पेड़-पौधों, नदियों, पहाड़ों और समस्त प्राणीमात्र से प्रेम करना सिखाती है। आज वैश्विकरण के इस युग में जीवन में आध्यात्मिक मूल्यों का होना नितांत आवश्यक है। उन्होने कहा कि भारत का इतिहास सिकुड़ती हुयी सभ्यता का इतिहास नहीं है यह तो वसुधैव कुटुम्बकम की संस्कृति का जन्मदाता है अर्थात विश्व एक परिवार की धारणा पर आधारित है आज हमें अपनी युवा पीढ़ी में इन्ही संस्कारों को रोपित करना होगा तभी हम संयुक्त परिवार की नींव को सुरक्षित रख सकते हैं। साध्वी जी ने कहा कि नवरात्रि पर्व आ रहा है उसमें हम सभी दुर्गा माता की पूजा करते है साथ ही अपने घरों में जो माता-पिता है उनका भी सम्मान करे और आदर करे यही भारत की संस्कृति है।
इस समारोह में पधारे विशिष्ठ अतिथियों ने भारतीय संस्कृति एवं वुद्धजनों की सेवा पर अपने विचार व्यक्त किये इस अवसर पर डाॅ घनश्याम गुप्ता, चेयरमेन महाराजा अग्रसेन अस्पताल रोहिणी, श्री विजय पोद्दार, आशीष मुखर्जी, आलोक सिन्हा, श्री भूदेव शर्मा, लल्लन प्रसाद जी एवं अन्य विशिष्ट अतिथि उपस्थित थे।