आगरा, ५ जून: रमजान के पाक महीने में हर जगह तरावीह और शबीना हो रहे हैं. लेकिन आगरा की गुड़ की मंडी स्थित इमली वाली मस्जिद में कुरान-ए-पाक पूरा होने पर अलग ही नजारा होता है.
यहां सड़क पर तरावीह तो मुस्लिम पढ़ते हैं लेकिन सुरक्षा इंतजाम हिंदू और ईसाई मिल-जुलकर करते हैं. रोजेदारों की सहूलियत के लिए बाजार को वक्त से पहले बंद कर दिया जाता है. रमजान माह का चांद दिखते ही शहर की मस्जिदों में तरावीह शुरू हो गई. यूं तो किसी मस्जिद में चार दिन तो किसी में पांच दिन का शबीना कराया जा रहा है. लेकिन गुड़ की मंडी के इमली वाली मस्जिद में पांच दिनी शबीना खत्म होने पर गुरुवार को अलग ही माहौल दिखाई दिया.
यहां शमसाबाद, फतेहाबाद और जलेसर तक से रोजेदार शबीना में शरीक होने आते हैं. गुरुवार को भी हजारों की भीड़ उमड़ी. मस्जिद के मुतवल्ली सैयद इरफान सलीम ने बताया कि यहां की शबीना सर्वधर्म समभाव की मिसाल बना हुआ है.
हास्पिटल रोड पर बने सेंट जोंस चर्च कैंपस में हजारों लोगों के वुजू का इंतजाम किया जाता है. साफ सफाई का जिम्मा बाजार के दुकानदार संभालते हैं. कुरान सुनाए जाने के दौरान रास्ते पर ट्रैफिक संभालने का जिम्मा भी दुकानदारों का है. भारतीय मुस्लिम विकास परिषद के समी आगाई ने बताया कि इस दफा हाफिज हासिमउद्दीन ने तरावीह कीं. कुरान-ए-पाक पूरा होने के बाद तबर्रुक बांटा गया.