अब नए भगवान भी आये जीएसटी की चपेट में
राजस्थान, 3 अगस्त; जीएसटी की मार आम आदमी के साथ भगवान तक पहुँच चुकी है. जी हां, अब देवी देवताओं की मूर्तियों पर भी 28 फ़ीसदी टैक्स लगा दिया गया है. राजस्थान का मूर्ति उद्योग दुनियाभर में मशहूर है. देवी-देवताओं की मूर्तियां यहां से देशभर में जाती है. लेकिन पहले से ही मंदी की मार झेल रहे मूर्ति उद्योग पर पहली बार टैक्स लगा है. इनका आरोप है कि मुगलों ने भी मूर्ति उद्योग पर टैक्स नहीं लगाया था, लेकिन हिंदूवादी सरकार ने सीधे 28 फीसदी टैक्स मूर्तियों पर लगा दिया है.
अयोध्या में संतों की बैठक में मौजूद जगत गुरु राम दिनेशाचार्य ने कहा कि देव प्रतिमाओं को जीएसटी के दायरे में लाना अनुचित है. इस पर केंद्र सरकार फिर से विचार करना चाहिए.
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बैठक की अध्यक्षता कर रहे राम कथा कुंज के महंत डॉक्टर रामानंद दास ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा देवी देवताओं की प्रतिमाओं को टैक्स के दायरे में लाना साधु-संतों की समस्या पर है. देवी-देवताओं की प्रतिमाओं की स्थापना मंदिरों में होती है. उनसे कोई व्यवसाय नहीं होता. इसलिए इन पर टैक्स नहीं लगाया जाना चाहिए. वही बैठक में मौजूद अन्य संतों ने भी देवी देवताओं की प्रतिमाओं पर जीएसटी लगाने को लेकर आपत्ति जाहिर की है.
इस सन्दर्भ में संतों का खासा रोष देखने को मिल रहा है. रिलिजन वर्ल्ड से बातचीत के दौरान दिनेश गिरी जी महाराज ने खासा रोष व्यक्त किया. उन्होंने कहा, ” मूर्तियों के ऊपर जीएसटी लगाना कतई सही नहीं है, ये गलत निर्णय है इसका विरोध करते है. करोड़ो लोगों की आस्था का जहा विषय है उस पर सरकार कर लगा कर भावनाओ को ठेस पहुचाने का कार्य कर रही है.”
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वहीं श्री आदि गौड़ ब्राह्मण मूर्ति कलाकार संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष सत्यनारायण पांडे ने कहा कि संगमरमर से निर्मित देव प्रतिमाओं को जीएसटी के दायरे में लाना अनुचित है। हम केंद्र सरकार से मांग करते हैं कि देश के लोगों की आस्था और विश्वास को ध्यान में रखते हुए कि सरकार अपने निर्णय पर पुनर्विचार करें.
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