प्रद्युम्न ठाकुर की याद में….
जो चला गया वो वापस नहीं आ सकता, अपने मम्मी पापा का दुलारा प्रद्युम्न ठाकुर अब इस दुनिया में नहीं है। वो गुजर गया है, पर दुख का एक पहाड़ पीछे छोड़ गया है। ईश्वर से सबकुछ मांगा जा सकता है, पर एक शरीर से बिछड़ी आत्मा के लिए शायद कोई प्रार्थना काम नहीं करती है। उस दिन सुबह शायद प्रद्युम्न के मम्मी पापा ने भी प्रार्थना की होगी कि सबकुछ ठीक ठाक रहे, पर होनी और मृत्यु को टालना शायद इसीलिए मुश्किल कहा जाता है।
प्रद्युम्म को गए कुछ दिन ही बीते हैं, और उसके निर्दोष गुजर जाने के लिए गुनहगार शख्स अपने गुनाहों के लिए जल्द ही सजा पाएगा। जो सवाल प्रद्युम्न की दर्दनाक मौत ने खड़े किए हैं वो हर रोज हमारे आपके जेहन से गुजरते हुए समाज के बीच चर्चा का केन्द्र बनें हुए है। ये मासूम से सवाल हैं, जिनके उत्तर देना सबके लिए कठिए है। हर दिन की तहकीकात के बाद भी सबको ये यकीन नहीं होता कि एक अबोध बालक बिना किसी कारण के आज हमारे बीच मौजूद नहीं है।
समाज को टीस है कि वो ऐसे हादसों के लिए कुछ कर क्यों नहीं पाता, काश कोई कानून या डर ऐसे निर्दोष के लिए सुरक्षा कवच बनकर काम करते और समाज में एक निश्चिंतता होती।
धर्म की पहली जिम्मेदारी ही मानवता का विकास करना है। पाश्विक वृत्तियों से सचेत करके लोगों को नैतिकता के मार्ग पर लाने के लिए धर्म की सबसे बड़ी जरूरत है।
आज प्रद्युम्न की याद में जैन धर्म ने एक कार्यक्रम का आयोजन किया, संदेश केवल यही थी कि जियो और जीने दो। किसी के दर्द को समझना आसान नहीं होता।
जैन मुनि रामकृष्ण स्मारक संस्थान ने श्री जैन मुनि रमेश जी के सानिध्य में रयान इंटरनेशनल स्कूल के दिवंगत छात्र प्रद्युम्न ठाकुर के लिए विशाल श्रद्धांजलि सभा आयोजित की.
इस श्रद्धांजलि सभा में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और मंत्री सत्येन्द्र जैन ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज करायी. यह सभा सुबह 7:30 मिनट पर आरम्भ हुयी. इस श्रद्धांजलि सभा में सैंकड़ो लोगों ने शिरकत की. लोगों ने मोमबत्ती जलाकर नम आंखों प्रद्युम्न को श्रद्धांजलि दी और अपने भाव प्रकट किये.
क्या था पूरा मामला
8 सितम्बर को गुरुग्राम स्थित नामी स्कूल रियान इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल में कक्षा 2 में पढ़ने वाले छात्र प्रद्युम्न ठाकुर की लाश स्कूल के वॉशरूम में मिली थी. जिसके बाद स्कूल प्रशासन ने प्रद्युम्न के अभिवावकों को सूचित करते हुए कहा कि वॉशरूम में गिरने से प्रद्युम्न को गले पर चोट लगी है. उसी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. लेकिन गले के घाव को देखने के बाद साफ हो गया कि बच्चे को चोट नहीं लगी हत्या किसी हथियार से हुई है.इस मामले में गुड़गांव के डीसीपी सिमरदीप सिंह ने इस मामले में गहन जांच के बाद जानकारी देते हुए बताया कि आरोपी कंडक्टर अशोक ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है. पुलिस की माने तो आरोपी ने हत्या से पहले बच्चे के साथ कुकर्म की नाकाम कोशिश की जब बच्चे ने इसका विरोध किया तो आरोपी ने उसे मार डाला. हालाँकि पोस्टमार्टम में कुकर्म की बात सामने नहीं आई है. आरोपी स्कूल में पिछले 8 महीने से काम कर रहा था. स्कूल प्रशासन की लापरवाही के तमाम किस्से सामने आ रहे है। ऐसे में प्रद्युम्न के साथ हुए इस हादसे के बाद सभी अभिावाहक अब बेहत चिंता में है।
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