अच्छे समाज निर्माण के लिए जरूरी है जीवन में मानवीय मूल्य और अध्यात्म- सत्येन्द्र जैन
- राजयोग का अभ्यास से होता है सदगुणों का विकास – दादी रतनमोहिनी
आबूरोड़ 28 अक्टूबर, निसं। मूल्य और आध्यात्म को अगर हम जीवन में धारण करें तो ही सुख, शांति और स्वथ्य रह सकते हैं। यदि अच्छा समाज बनाना है तो उसके लिए प्रत्येक व्यक्ति को जीवन में नैतिक मूल्य और अध्यात्म अपनाने की जरूरत है। यह बात ब्रह्माकुमारीज संस्थान शांतिवन परिसर में समाज सेवा प्रभाग द्वारा आयोजित सम्मेलन में दिल्ली से आये स्वाथ्य मंत्री श्री सत्येन्द्र जैन ने व्यक्त किये।
आगे उन्होंने कहा कि अपने मन को अगर हम दूसरो के लिए समर्पित करेगें तो ही हमारे जीवन में मूल्य और आध्यात्म आ सकता है। मूल्य और आध्यात्म से ही हम स्वथ्य और सुन्दर जीवन जी सकते हैं। आज हर किसी को मूल्य शिक्षा की आवश्यकता है। मूल्य और आध्यात्म की शिक्षा का सच्चा ज्ञान हमें ब्रह्माकुमारीज संस्था पूरे पूरे विश्व में फैला रही है। चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि आज समाज सेवा का भी रूप बदल गया है लोग कहीं ना कहीं स्वार्थवश भी सेवा का नाम दे देते है। इन चीजों से बचने की जरूरत है।
ब्रह्माकुमारीज संस्था की संयुक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी ने कहा की स्वयं की पहचान से ही समाज में आपसी सौहार्द्र और भाईचारा बढ़ेगा। क्योकि बिना आपसी सौहाद्र के अच्छे समाज का निर्माण मुश्किल है। इसके लिए खुद को परमात्मा से जोड़े तो परमात्मा पिता के सारे ज्ञान, गुण और विशेषताएँ स्वयं में आने लगेगी।
महाराष्ट्र के पूर्व वित्तमंत्री हर्ष वर्धन पाटिल ने कहा कि आज समाज में मूल्यनिष्ठ शिक्षा और आध्यात्म की कमी से आज हर कोई में बुराईयाँ और तनाव बढ़ता जा रहा है, जिसके कारण आज मनुष्य में लालच, ईष्र्या, क्रोध जैसी बुराईयाँ उत्पन्न हो रही है। जिसको सिर्फ आध्यामिक ज्ञान के द्वारा ही समाप्त किया जा सकता है। हम सभी मूल्यों को अपने जीवन में धारण करगें तो एक बेहतर भविष्य बना सकते है।
ब्रह्माकुमारीज संस्था के महासचिव बीके निर्वेर ने लोगों से अपील की कि किसी भी हालत में समाज की व्यवस्था को बिगडऩे ना दें। सभी को मिलकर युवा पीढ़ी को संस्कारित करने और एक मूल्यनिष्ठ समाज के बारे में विचार करना चाहिए। परमात्मा का अवतरण ही इस महान कार्य के लिए हुआ है। समाज के लोग हमें देख कर स्वयं ही धारण करने लगेंगे। नेपाल से आये नेपालीज आर्मी इंस्टीट्युट के वाइस प्रीन्सीपल डॉ. तारा मन अमात्य ने कहा कि आज विश्व में नकारात्मक उर्जा इतनी तेजी से फैल रही है कि लोगों में मूल्यों की धारणा नहीं हो पा रही है। स्पिरिचुअलिटी से ही समाज में मूल्यों की धारणा हो सकती है।
कार्यक्रम में समाज सेवा प्रभाग के उपाध्यक्ष बीके अमीरचन्द, राष्ट्रीय कोआर्डिनेटर बीके प्रेम ने भी अपने अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम का संचालन समाज सेवा प्रभाग की बीके वन्दना ने किया साथ ही प्रभाग के मुख्यालय कोआर्डिनेटर बीके अवतार ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया।