विश्व के विभिन्न देशों से कीर्तनकारों ने गंगा तट पर किया प्रभु नाम हरी बोल, हरी बोल संकीर्तन
- अमेरिका से आये भक्तियोग फेस्टिवल के संस्थापक श्रीधर ने अपने दल के साथ परमार्थ गंगा आरती में किया सहभाग
- प्रभु नाम कीर्तन के साथ सफाई कीर्तन भी नितांत अवश्यक
- भारतीय संस्कृति ग्लोबल परिवार की संस्कृति – स्वामी चिदानन्द सरस्वती
ऋषिकेश, 10 फरवरी। परमार्थ निकेतन में अमेरीका से आये भक्तियोग फेस्टिवल के संस्थापक श्रीधर जी ने अपने दल के साथ परमार्थ गंगा आरती में सहभाग किया। साथ ही कीर्तनियों के दल ने भी परमार्थ के दिव्य गंगा तट पर प्रभु नाम का कीर्तन कर पावन गंगा आरती में भाग लिये। कीर्तनियों का दल विश्व के विभिन्न देशों में जाकर प्रभु की भक्ति का संदेश के साथ भारतीय संस्कृति का प्रचार-प्रसार करते है। परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष, ग्लोबल इण्टरफेथ वाश एलायंस के संस्थापक एवं गंगा एक्शन परिवार के प्रणेता स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज से श्रीधर जी एवं कीर्तनियों के दल ने मुलाकात की। चर्चा के दौरान स्वामी जी महाराज ने श्रीधर जी एंव कीर्तनियों के दल को अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव मेेें सहभाग करने हेतु प्रेरित किया। दोनों दलों के सदस्यों ने अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव और होली उत्सव में अनेक विदेशी सैलानियों के साथ सहभाग करने का संकल्प व्यक्त किया।
स्वामी जी महाराज ने दोनों दलों के सदस्यों को 2019 के प्रयाग कुम्भ मेला और 2021 के हरिद्वार, उत्तराखण्ड कुम्भ मेला में सहभाग करने हेतु आमंत्रित किया। श्रीधर जी एवं कीर्तनियों के दल के सदस्यों ने पूज्य स्वामी जी के साथ गंगोत्री से प्रयाग तक गंगा यात्रा करने हेतु विशेष चर्चा की। श्रीधर जी ने कहा कि हम गंगा माँ का संदेश अपने भक्तियोग फेस्टिवल के माध्यम से पूरे विश्व में प्रसारित करेंगे। उन्होने कहा कि गंगा सभी नदियों की एम्बैसडर है और इसके लिये हम सभी स्वामी जी महाराज के मार्गदर्शन में मिलकर प्रयास करेंगे।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा कि विदेश की धरती पर जन्म लेकर श्रीधर जी ने भारतीय नाम और भारतीय वेशभूषा धारण कर विश्व के विभिन्न देशों में भारतीय संस्कृति का अलख जगा रहे है यह अत्यंत श्रेष्ठ कार्य है। स्वामी जी ने कहा कि भारतीय संस्कृति ग्लोबल परिवार की संस्कृति है; वसुधैव कुटुम्बकम की संस्कृति है। भारतीय संस्कृति विशालता, उदारता, प्रेम और सहिष्णुता का संदेश प्रसारित करती है। स्वामी जी ने दल के सदस्यों को पर्यावरण एवं जल संरक्षण का संकल्प कराया और कीर्तन के माध्यम से पर्यावरण का संदेश प्रसारित करने हेतु पे्ररित किया। स्वामी जी ने कहा अब कीर्तन के साथ सफाई कीर्तन भी नितांत अवश्यक है ताकि पूरे भारत का दिव्य वातावरण अब स्वच्छ वातावरण भी बने।
पूज्य स्वामी जी ने शिवत्व का प्रतीक रूद्राक्ष का पौधा श्रीधर जी और कीर्तनियाँ दल के श्री विनोद जी को भेंट किया। दोनों दलों के सभी सदस्यों ने स्वामी जी महाराज के साथ विश्व स्तर पर स्वच्छ जल की आपूर्ति के लिये वाटर ब्लेसिंग सेरेमनी सम्पन्न की।
स्वामी जी ने दल के सभी सदस्यों को वृक्षारोपण एवं जल संरक्षण का संकल्प कराया। इस अवसर पर श्रीधर जी, श्री विनोद जी, सीता, रसिका, डेनियल, वानिया, एंजोलिना, जुलिया, सुश्री नन्दिनी त्रिपाठी, एवं विदेश से आये अनेक श्रद्धालु जिन्होने अपना भारतीय नाम रख लिया उन सब ने सहभाग किया।
स्वामी जी ने दल के सभी सदस्यों को वृक्षारोपण एवं जल संरक्षण का संकल्प कराया। इस अवसर पर श्रीधर जी, श्री विनोद जी, सीता, रसिका, डेनियल, वानिया, एंजोलिना, जुलिया, सुश्री नन्दिनी त्रिपाठी, एवं विदेश से आये अनेक श्रद्धालु जिन्होने अपना भारतीय नाम रख लिया उन सब ने सहभाग किया।