अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर गायत्री तीर्थ शांतिकुंज में योग कार्यक्रम आयोजित
- गायत्री परिवार व देसंविवि के योग प्रशिक्षकों ने कई देशों में कराया योगाभ्यास
- शांतिकुंज में कई हजार ने की भागीदारी
हरिद्वार, 21 जून। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर गायत्री तीर्थ शांतिकुंज मेंयोग कार्यक्रम आयोजित हुआ। इस मौके पर देश-विदेश से आयेसाधक, शांतिकुंज के अंतेवासी भाई-बहिन, देवसंस्कृतिविश्वविद्यालय परिवार, स्काउट गाइड, गायत्री विद्यापीठ आदि ने योगाभ्यास किया।
कार्यक्रम की शुरुआत सुमधुर संगीत से हुआ। पश्चात अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के मानकों पर आधारित योगासनों के विभिन्न आसनों का अभ्यास कराया गया। इस अवसर पर अपनेसंदेश में गायत्री परिवार प्रमुख श्रद्धेय डॉ. प्रणव पण्ड्या ने कहाकि भागदौड़ भरी जिंदगी में बीमारियाँ भी अपना पैर पसार रहीहैं, इन सबके बीच मनुष्य को यदि स्वस्थ रहना है, तो योग, आसन, प्राणायाम को अपने जीवन में स्थान देना होगा। योग मात्र शारीरिक क्रिया नहीं है, वरन् यह एक सम्पूर्ण जीवन शैली कोसुधारने का नाम भी है। आज सुविधा के साथ रोग भी बढ़ रहे हैं, इन रोगों से बचने के लिए नियमित रूप से योगाभ्यास करनेचाहिए। योग से फिटनेस, वैराग्य (नकारात्मक ता से) तथा ईश्वरका प्राणिधान भी होता है। योग साधक के चित्तवृति भी निरोगरहती है। शांतिकुंज के वरिष्ठ कार्यकर्त्ता श्री वीरेश्वर उपाध्याय नेकहा कि जीवन योगमय हो तो सुखमय होता है। योग मनुष्य को प्रकाशित करता है।
शांतिकुंज मीडिया विभाग ने बताया कि आयुष मंत्रालय,भारत सरकार की ओर से देसंविवि के योगाचार्य डॉ. सुरेश वर्णवाल, डॉ. राकेश शर्मा, डॉ. अजय आदि ने अमेरिका मेंयोगाभ्यास कराया, तो वहीं गायत्री परिवार के योगाचार्यों वप्रतिनिधियों ने दक्षिण अफ्रीका, कनाडा, रूस, अमेरिका, इंग्लैण्ड, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैण्ड, फीजी, मॉरिशस, थाइलैण्ड, सिंगापुर, मलेशिया, बाकू, अफगानिस्तान, मेडागस्कर, तंजानिया सहितआदि देशों के विभिन्न शहरों में भी अंतर्राष्ट्रीय मानकों परआधारित योगाभ्यास कराया। साथ ही शांतिकुंज से तीन हजार सेअधिक योग साधक देहरादून में आयोजित अंतरराष्ट्रीय योगाभ्यास में भागीदारी की।
शांतिकुंज में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस केमौके पर व्यवस्थापक श्री शिवप्रसाद मिश्र, देसंविवि केप्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पण्ड्या, श्री केसरी कपिल जी, डॉ. ओपी शर्मा, श्री कालीचरण शर्मा आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।