नशा मुक्ति के खिलाफ सर्व धर्म संत आए एक मंच पर
- ध्यान, योग और अध्यात्म का नशा मुक्ति मे महत्वपूर्ण योगदान – आचार्य लोकेश
- धर्म गुरु समाज निर्माण मे महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते है – सतेन्द्र जैन
नई दिल्ली : संयुक्त राष्ट्र संघ लोधी रोड में दिल्ली सरकार, द ग्लोबल फ़ंड, URI , इंडिया एचआईवी एड्स अलायंस एवं एच. आर. एशिया द्वारा ‘नशा मुक्ति आंदोलन मे धार्मिक संगठनों की भूमिका’ सम्मेलन का आयोजन विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर हुआ।सम्मेलन को डबल्यू. एच.ओ. से डा. मुक्ता शर्मा, वर्ल्ड रिलीजन इनिशिएटिव से सुश्री शुभी धूपर, अहिंसा विश्व भारती के संस्थापक आचार्य डा. लोकेश मुनि, दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री श्री सत्येन्द्र जैन, अखिल भारतीय इमाम संगठन के अध्यक्ष इमाम उमेर अहमद इलियासी, बंगला साहिब गुरुद्वारा के अध्यक्ष श्री परमजीत सिंह चंडोक, भृगु फ़ाउंडेशन के अध्यक्ष गोस्वामी सुशील जी महाराज, परमार्थ निकेतन से साध्वी भगवती, फादर बेंटो रोडरिग, डा. इन्दु बाला जी ने संबोधित किया।
आचार्य डा. लोकेश मुनि ने सम्मेलन को संबोधित करते हुये कहा कि धर्म गुरुओं की समाज सुधार एवं निर्माण मे महत्वपूर्ण भूमिका है। जो काम सरकार करोड़ों रुपया खर्च करके नहीं कर सकती वो धर्म गुरु आसानी से कर देते हैं। उन्होंने कहा जिन लोगों को नशे की आदत पड़ जाती उनके साथ सहानुभूति रखनी चाहिए। परिवार और समाज का साथ मिलने से नशे की लत आसानी से छूट सकती है। ध्यान, योग और आध्यात्म का नशा मुक्ति मे महत्वपूर्ण योगदान है।
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री श्री सतेन्द्र जैन ने इस अवसर पर कहा कि दिल्ली मे नशा मुक्ति के लिए धार्मिक एवं सामाजिक संस्थाओं को आंदोलन चलना चाहिए। धर्म गुरु समाज निर्माण मे महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते है। साध्वी भगवती ने कहा कि स्वस्थ्य शरीर और स्वस्थ समाज के लिए नशे से दूर रहना आवश्यक है। सुखी व समृद्ध परिवार के लिए नशे से दूर रहना चाहिए।