आचार्य लोकेश “नैतिक भारती अवार्ड 2018” से तालकटोरा स्टेडियम में सम्मानित
- संतुलित विकास के लिए नैतिक व चारित्रिक मूल्यों का उत्थान जरूरी – आचार्य लोकेश
नई दिल्ली: अहिंसा विश्व भारती के संस्थापक प्रख्यात जैन आचार्य डा. लोकेश मुनि को नैतिक भारती अवार्ड 2018 से मॉरल इंस्टीट्यूट द्वारा तालकटोरा स्टेडियम मे आयोजित ‘भारत निर्माण महासम्मेलन’ के दौरान सम्मानित किया गया। आचार्य लोकेश मुनि पिछले 33 वर्षों से विश्व में अहिंसा, शांति एवं सद्भावना की स्थापना, राष्ट्रीय चरित्र निर्माण, मानवीय मूल्यों के उत्थान के लिए निरंतर प्रयत्नशील है। अपने उद्देश्यों की पूर्ति के लिए भारत में 20000 किलोमीटर की पदयात्रा एवं विश्व के अनेक देशों की यात्रा कर चुके हैं। इन्ही महान मूल्यों को साकार करने के लिए उन्होंने ‘अहिंसा विश्व भारती’ संस्था की स्थापना कर अपना कार्य क्षेत्र विश्वव्यापी बनाया। आचार्य लोकेश के उल्लेखनीय कार्यों के लिए इस विशिष्ट अवार्ड से सम्मानित किया गया।
शांतिदूत आचार्य लोकेश मुनि ने इस अवसर पर कहा कि संतुलित व्यक्तित्व और संतुलित समाज की संरचना के लिए नैतिक व चारित्रिक मूल्यों का उत्थान जरूरी है। वर्तमान समय में नैतिक व चारित्रिक मूल्यों का पतन इसीलिए बढ़ा है क्योकि हस्ती पर हैसियत हावी हो गई है | मैं क्या हूँ यह महत्वपूर्ण नहीं है बल्कि मेरे पास क्या है इसका मूल्यांकन होता है | ऐसी स्थिति में येन केन प्रकारेण व्यक्ति धन संशय मे संलग्न हो जाता है | धार्मिक शिक्षाओं में पुरुषार्थ चतुष्ठाई की बात की गई है , यह कहा गया है कि व्यक्ति को धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष मे संतुलन बनाना चाहिए | धर्म का विकास से विरोध नहीं है। भौतिक विकास अगर अध्यात्म की नींव आधारित हो तो वो वरदान बन जाता है, अन्यथा वो एक अभिशाप का रूप ले लेता है।
इस अवसर पर मॉरल इंस्टीट्यूट के मैनिजिंग डाइरेक्टर श्री अजय कुमार शर्मा,श्री अरुण शर्मा, श्री ज्ञानेश्वर शर्मा ने आचार्या लोकेश मुनि का स्वागत किया। श्री अनिल मेहरा सहित ने कार्यक्रम के सफल आयोजन में पूर्ण सहयोग दिया।