नई दिल्ली, 21 अप्रैल; लॉकडाउन के बीच महाराष्ट्र के पालघर में दो साधुओं और उनके ड्राइवर के साथ हुई मॉब लिंचिंग की घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है।
बेरहमी से हुई इन हत्याओं ने जहां इस पूरी घटना को धार्मिक रंग दे दिया है वहीं इस पर राजनीति भी हो रही है। इस बीच महाराष्ट्र सरकार ने पालघर में दो साधुओं समेत तीन लोगों की पीट-पीट कर हत्या के मामले को आपराधिक जांच विभाग (CID) को सौंप दी है।
मामले में अब तक 100 से ज्यादा लोग गिरफ्तार हो चुके हैं। दूसरी तरफ घटना को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से बात की है और दोषियों को जल्द सजा देन की बात कही है। सरकार ने राज्य सरकार से घटना पर रिपोर्ट भी तलब की है।
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वहीं दूसरी तरफ मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने केंद्रीय गृह मंत्री से अपील की है कि वो इस घटना को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करे। राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने भी मामले को सांप्रदायिक रंग देने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है।
उद्धव ठाकरे ने सोमवार को फेसबुक के जरिए राज्य को संबोधित करते हुए कहा कि इस मामले में किसी को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि अमित शाह ने भी माना है कि इसमें कोई सांप्रदायिक मामला नहीं है।
शाह के फोन के बाद ही राज्य सरकार ने मामले की जांच सीआईडी को सौंपने का फैसला किया।
एडीजी कुलकर्णी करेंगे जांच
पालघर मामले की जांच सीआइडी के एडीजी क्राइम अतुलचंद्र कुलकर्णी करेंगे। इस मामले में अभी तक हुई कार्रवाई में दो पुलिसकर्मियों को निलंबित भी कर दिया गया है। सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस मामले पर राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है।
खुद अमित शाह ने उद्धव ठाकरे से इसे पूरी संवेदनशीलता और तत्परता से निपटाने का सुझाव दिया है। उन्होंने ने ठाकरे से यह भी कहा है कि केंद्र से किसी भी तरह की मदद की दरकार हो तो बेहिचक बताएं लेकिन हत्या के दोषियों को जल्द से जल्द सजा मिलनी चाहिए। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इस मसले पर उद्धव से फोन पर बात की थी।
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