नयी दिल्ली, 25 अप्रैल; देश के जिन 12 ज्योतिर्लिंग मंदिरों में रोज भक्तों की भीड़ पहुंचकर भगवान को भोग लगाती थी, अब लॉकडाउन के दौरान उन मंदिरों से उनके घर भोजन प्रसाद के रूप में पहुंच रहा है।
7 ज्योतिर्लिंग मंदिर प्रबंधन अपने क्षेत्र के जरूरतमंदों तक भोजन-अन्न पहुंचा रहे हैं। मंदिरों की ओर से सरकार को राहत कोष में दान भी दिया है। मंदिरों के पट केवल पूजन-आरती के लिए ही खोले जाते हैं। पुजारी भगवान की नियमित सेवा कर रहे हैं।
मंदिर प्रबंधन ऐसे वक्त में जरूरतमंदों के लिए अन्नसेवा करने में भी जुटे हैं। उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर से रोज 4000 भोजन पैकेट शहर में जरूरतमंदों तक पहुंचाए जा रहे हैं। ओंकारेश्वर मंदिर से 1500, श्रीशैल मल्लिकार्जुन से 1000, घृष्णेश्वर मंदिर से 500, काशी विश्वनाथ मंदिर से 1500, भीमाशंकर मंदिर से गांवों के गरीब परिवारों को अन्नदान किया गया। वहीं त्र्यंबकेश्वर मंदिर से 51 लाख रुपए राहत कोष में दिए गए हैं।
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पुजारी ही प्रवेश कर पाएंगे मंदिर में
महाकालेश्वर मंदिर समेत सभी ज्योतिर्लिंगों में अब केवल आरती और पूजन करने वाले पुजारी जाएंगे । मंदिर प्रबंध समिति ने पुरोहितों को जारी अनुमति पत्र निरस्त कर दिए हैं।
शहर में कोरोना संक्रमण की संख्या बढ़ने के कारण एहतियात के तौर पर यह कदम उठाएं। फिलहाल मंदिर में श्रद्धालुओं का प्रवेश बंद है अब और ज्यादा सावधानी बरती जा रही है । आगे से मंदिर में केवल आरती और पूजन करने वाले पुजारी ही प्रवेश कर पायेंगे।
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