वाराणसी, 19 मई; उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर में होने वाली सप्तर्षि आरती की पुरानी व्यवस्था बहाल कर दी गई है। परंपरा के अनुसार, आरती में महंत परिवार भी शामिल होगा।
मंदिर कार्यपालक समिति के अध्यक्ष और कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने इसकी अनुमति दे दी है। यह छूट लॉकडाउन 4.0 में केंद्र सरकार की नई गाइडलाइन्स के तहत दी गई है।
विश्वनाथ मंदिर परिसर के रेड जोन स्थित कैलाश महादेव मंदिर विवाद को लेकर 10 दिन पहले मंदिर प्रशासन ने सप्तर्षि आरती में शामिल होने वाले महंत परिवार समेत अन्य अर्चकों के परिसर प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया था।
विरोध स्वरूप अर्चकों ने सड़क पर पार्थिव शिवलिंग बनाकर बाबा की सप्तर्षि आरती की थी। इसको लेकर पुलिस ने महंत परिवार के अर्चकों के खिलाफ महामारी ऐक्ट में मुकदमा दर्ज किया तो मंदिर प्रशासन ने मंहत परिवार के आरती में शामिल होने पर रोक लगा दी थी।
इसके बाद से सप्तर्षि आरती मंदिर के नियमित अर्चकों से कराई जा रही थी। उधर, डीएम जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने इस मामले में एडीएम सिटी और एसपी सुरक्षा को जांच सौंपी थी।
परंपरा टूटने के बाद हुआ था काफी विवाद
महंत परिवार की ओर से सप्तर्षि आरती किए जाने की तीन सौ पुरानी परंपरा टूटने का मामला वाराणसी के सांसद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ तक पहुंचा।
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ भी पल-पल मामले की जानकारी ले रहा था। सूत्रों के मुताबिक, संघ के शीर्ष पदाधिकारियों ने अधिकारियों से बात कर परंपरा बहाल करने को कहा था।
काशी विद्वत परिषद और केंद्रीय ब्राह्मण महासभा ने मंदिर प्रशासन पर सवाल उठाए थे। सोशल मीडिया पर भी महंत परिवार को आरती से रोकने के विरोध में मुहिम चल रही थी।
अब सप्तर्षि आरती में महंत परिवार के तीन, सभी स्टेट और मंदिर के एक पुजारी समेत कुल 11 अर्चक शामिल होंगे। सोशल डिस्टेंसिंग समेत अन्य सभी नियमों का पालन कराया जाएगा।
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