हिंदी पंचांग के अनुसार, हर महीने कृष्ण और शुक्ल की त्रयोदशी को प्रदोष व्रत मनाया जाता है। इस साल ज्येष्ठ माह में कृष्ण पक्ष का प्रदोष व्रत मंगलवार, 19 मई यानी आज है।
इस दिन भगवान शिव जी और माता पार्वती की पूजा उपासना की जाती है। ऐसा कहा जाता है कि प्रदोष व्रत करने से व्रती के जीवन से अकारण दुःख, भय और संकट दूर हो जाते हैं। साथ ही सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
इस दिन शुभ मुहूर्त ब्रह्म बेला से लेकर शाम में 7 बजकर 42 मिनट तक है। इस दौरान आप शिव जी एवं माता पार्वती की पूजा-उपासना कर पुण्य प्रताप प्राप्त कर सकते हैं।
प्रदोष व्रत महत्व
इस व्रत का नाम प्रदोष व्रत है। अतः इस व्रत को करने से सभी तरह के दोष दूर हो जाते हैं। यह व्रत विशेष फलदायी है। इस साल ज्येष्ठ माह में कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी मंगलवार को है।
इस दिन प्रदोष व्रत करने से व्रती को सभी तरह के रोगों से मुक्ति मिलती है। ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को करने अविवाहितों की शादी में आ रही सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं।
यह भी पढ़ें-विश्वनाथ मंदिर में सप्तर्षि आरती की पुरानी व्यवस्था बहाल
प्रदोष व्रत पूजा विधि
इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर नित्य कर्मों से निवृत होकर स्नान-ध्यान करें। इसके बाद आमचान कर व्रत संकल्प लें और सूर्य देव का जलाभिषेक करें। अब देवों के देव महादेव और माता पार्वती की पूजा दूध, दही, पंचामृत, फल, फूल, धूप-दीप, दूर्वा, तांदुल, चंदन और कपूर से करें।
इसके बाद महादेव से सुख, समृद्धि और शांति की कामना करें। धार्मिक ग्रंथों में लिखा गया है कि प्रदोष व्रत में शिव जी की पूजा उपासना संध्याकाल में करनी चाहिए। अतः सुबह और शाम दोनों पहर पूजा आराधना करें। दिन भर उपवास करें। शाम में फलाहार करें। अगले दिन पूजा पाठ का सम्पन्न कर व्रत खोलें। इसके बाद दान-दक्षिणा दें।
[video_ads]
You can send your stories/happenings here:info@religionworld.in