नई दिल्ली, 30 मई; लॉक डाउन में टीवी पर रामायण दिखने के बाद से रामायण की कहानियां घर-घर में दोहराई जा रही हैं। रामायण के किरदार दोबारा लोकप्रिय हो चुके हैं। साथ ही अब रामायण का विश्वकोश तैयार किया जा रहा है। इसके लिए देश के पचास हजार स्कॉलर्स इसे तैयार करने में जुट गए हैं।
1100 पेज के खंड का बनेगा विश्व कोष
अयोध्या शोध संस्थान के निदेशक डॉ वाईपी सिंह बताते हैं देश भर के विद्वान, रामायण मर्मज्ञ, संस्कृत कर्मियों और साहित्यकारों की मदद से रामायण का विश्व कोष तैयार किया जाएगा। विश्व कोष के हर एक खंड में 1100 पेज हैं। अंग्रेजी, हिंदी के लावा रशियन, जर्मन, फ्रेंच भाषाओं में भी इसे तैयार किया जाएगा। भारत की भी सभी भाषाओं में इसे तैयार करवाया जाएगा। साथ ही इसका डिजिटल संस्करण भी तैयार करवाया जाएगा।
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अभी तक किसी भी भाषा में नहीं बना है इस तरह का विश्व कोष
सिंह ने बताया कि इससे पहले किसी भी भाषा में इस तरह का कोई विश्व कोष तैयार नहीं किया गया है। उन्होंने दावा किया कि भारत के अलावा दुनिया के कई देशों में भी वैदिक संस्कृति के साक्ष्य मिलते हैं।
युरोप, अमेरिका, अफ्रीका खाड़ी, बोत्सनिया हर्जेगोविना की रामे नदी, बुल्गारिया में चट्टानों पर उकेरे गए स्वास्तिक और अन्य चिन्हों पर भी चर्चा होती रहती है। इन सभी को भी इस इनसाइक्लोपीडिया में जोड़ा जाएगा।
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