चमोली,13 जुलाई; बदरीनाथ धाम में श्रद्धालु अब रात्रि विश्राम भी कर सकेंगे। प्रशासन ने गढ़वाल मंडल विकास निगम (जीएमवीएन) और मंदिर समिति के गेस्ट हाउस के अलावा दो प्राइवेट गेस्ट हाउस को भी यात्रियों को ठहराने की अनुमति दी है। हाईवे बंद होने के चलते आने वाली दिक्कतों को देखते हुए प्रशासन ने यह व्यवस्था की है।
बदरीनाथ धाम में श्रद्धालुओं को आने की अनुमति एक जुलाई से मिली है। अभी सिर्फ राज्य के ही श्रद्धालु बदरीनाथ जा सकते हैं। धाम में रात्रि विश्राम की व्यवस्था न होने से यात्रियों को रात्रि विश्राम के लिए पांडुकेश्वर, जोशीमठ और पीपलकोटी आना पड़ रहा था।
बरसात शुरू होने से मुश्किल और बढ़ गई थी। खास तौर पर लामबगड़ यात्रियों के लिए मुसीबत बना हुआ है। कई कई घंटे इसके बंद रहने से यात्रियों को दिक्कत उठानी पड़ रही है। इसे देखते हुए प्रशासन ने यह कदम उठाया है।
365 श्रद्धालुओं ने बदरी-केदार में टेका मत्था
बदरीनाथ धाम में हर दिन आने वाले यात्रियों की संख्या 200 से अधिक पहुंच गई है। बृहस्पतिवार को बदरीनाथ धाम में 236 और केदारनाथ में 129 लोगों ने दर्शन किए। यात्रियों के आने से बदरीनाथ धाम में रौनक भी लौटती जा रही है। एक जुलाई से शुरू हुई यात्रा के तहत बदरीनाथ धाम में अभी तक 2596 तीर्थयात्री दर्शन कर चुके हैं।
अब प्रशासन ने यात्रियों के लिए रात्रि विश्राम की भी व्यवस्था कर दी है, जिससे यात्रियों की संख्या बढ़ने की उम्मीद है। वहीं केदारनाथ में 129 लोगों ने बाबा केदार के दर्शन किए। कानून-गो एमएल अंजवाल ने बताया कि सभी श्रद्धालुओं के जरूरी दस्तावेज और जांच के बाद ही उन्हें धाम के लिए भेजा गया है।
लामबगड़ में बनाया पैदल मार्ग
बदरीनाथ हाईवे लामबगड़ में बार-बार बंद हो जाता है, जिससे यात्रियों को घंटों इंतजार करना पड़ता है। अब प्रशासन ने यहां पर पैदल मार्ग भी बना दिया है।
हाईवे यहां पर बंद होने से खुलने में अगर अधिक समय लगता है तो यात्री इस मार्ग से पैदल पार कर दूसरी तरफ जाकर अन्य वाहनों से आवाजाही कर सकते हैं।
एसडीएम जोशीमठ अनिल चन्याल ने बताया कि यात्रियों की सुविधा के लिए पैदल मार्ग बना दिया गया है। साथ ही वैकल्पिक मार्ग भी तैयार किया जा रहा है। हाईवे बंद होने पर इससे वाहनों की आवाजाही हो सकेगी।
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