अयोध्या, 4 अगस्त; अयोध्या में होने वाले राम मंदिर के भूमिपूजन से पहले मंगलवार को हनुमानगढ़ी में हनुमान निशान का पूजन किया गया. निशान पूजन के जरिये हनुमान जी से राम मंदिर निर्माण की अनुमति ली गई. राम मंदिर निर्माण में निशान हनुमानगढ़ी का निशान पूजन का महत्व है. हनुमानगढ़ी का निशान 1700 वर्ष पुराना है.
निशान पूजा क्या है
जैसा कि सबको विदित है कि प्रभु राम के सबसे बड़े भक्त हनुमान जी श्री रामचन्द्र जी के द्वार के रक्षक हैं. श्रीराम जी के द्वार में उनकी आज्ञा के बिना किसी को प्रवेश नहीं मिलता.
यह भी पढ़ें-कनक भवन : द्वापर युग और त्रेता युग दोनों से जुड़ा है इस कनक भवन का इतिहास
यही कारण है कि निशान पूजन की मान्यताओं के अनुसार प्रभु श्रीराम से जुड़े किसी भी विशेष कार्य से पहले उनके परमभक्त हनुमान की आज्ञा आवश्यक है और भूमि पूजन से पहले हनुमान जी का निशान पूजन इस बात को दर्शाता है. कुंभ के समय भी निशान पूजन होता है.
हनुमान गढ़ी में हनुमान पूजन और निशान पूजन दोनों की पूजा होती है. निशान पूजा अखाड़ों के निशान की पूजा होती है. निर्वाणी अखाड़े के ईष्ट देव हनुमान जी हैं. सबसे पहले हनुमान जी की पूजा की जाती है. अखाड़ों के निशान की पूजा का भी हनुमान पूजा जितना महत्व है.
[video_ads]
[video_ads2]
You can send your stories/happenings here:info@religionworld.in