योग एक बेहद ही महत्वपूर्ण विषय है। आज के दौर में ज्यादातर लोग योग के उद्देश्य व महत्व को समझने लगे हैं और अपने जीवन शैली में अपनाने की कोशिश भी करते हैं।
एक तरह से देखा जाए तो यह सही भी है क्योंकि योग हमारे जीवन से जुड़े भौतिक, मानसिक, भावनात्मक, आत्मिक और आध्यात्मिक आदि सभी पहलुओं पर काम करता है।
भिन्न स्तरों पर योग से जुड़ने का अर्थ
आध्यात्मिक स्तर पर योग से जुड़ने का अर्थ है सार्वभौमिक चेतना के साथ व्यक्तिगत चेतना का एक होना। व्यवहारिक स्तर पर योग शरीर, मन और भावनाओं को संतुलित करने और तालमेल बनाने का एक साधन है।
योग जीवन जीने का तरीका
योग या एकता आसन, प्राणायाम, मुद्रा, षट्कर्म और ध्यान के अभ्यास के माध्यम से प्राप्त होती है। इसलिए ये कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि योग जीने का एक तरीका भी है और अपने आप में परम उद्देश्य भी।
योगासन करने से सबसे पहले तो शारीरिक लाभ होता है जो कि हममें से सभी को पता है इसके अलावा भी योगा मानसिक और भावनात्मक स्तरों पर काम करता है।
रोज़मर्रा की जिंदगी में होने वाले तनाव व तमाम तरह की परेशानियों से लोग पीड़ित रहते हैं उन्हें कम करने में योग मदद करता है।
हालांकि योग इनका इलाज तुरंत नहीं कर सकता है लेकिन हां धीरे धीरे इनसे मुकाबला करने के लिए यह सिद्ध विधि है।
यह भी पढ़ें-योगनिद्रा: अगर आप भी Sleeping Disorder के शिकार हैं तो अपनाएं योगनिद्रा
योग करने का सही तरीका
अब बात करते हैं योग करने के सही तरीके की, जिनके बारे में काफी कम लोग जानते हैं। सबसे पहले तो ये जान लें कि योगा करने समय हमेशा मन को शांतिपूर्ण अवस्था में रखना चाहिए।
शांति और स्थिरता के विचार के साथ अपने मन को भरकर, बाहरी दुनिया की तमाम चीजों से खुद को परे कर स्वयं पर ध्यान लगाना चाहिए।
यह भी ध्यान रहे कि आप इतने थके ना हों कि योग करते समय आप अपना ध्यान केंद्रित करने में असमर्थ हों, अगर आपको थकान ज्यादा है तो उस समय आप सिर्फ रिलैक्स करने वाले आसन ही करें।
योगासन के दौरान यह भी ध्यान रखना होता है कि शरीर के जिस अंग पर उस आसन का प्रभाव सबसे ज्यादा पड़ता है, वहां पर आपकी एकाग्रता केंद्रित होनी चाहिए। क्योंकि ऐसा करने से आसान का पूरा लाभ मिलता है।
यह भी पढ़ें-कोरोना के दौरान मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health) पर ध्यान देना आवश्यक
योग के उद्देश्य
योगा को लेकर सामान्यत: लोगों के मन में यही धारणा होती है कि यह व्यक्ति को स्वस्थ रखने का तरीका है। लेकिन योग जीवन जीने की कला है, साधना विज्ञान है, मानव जीवन में इसका महत्वपूर्ण स्थान है।
इसकी साधना व सिद्धान्तो में ज्ञान का महत्व दिया है। तभी तो वेदों, पुराणों में भी योग की चर्चा की गयी है। यह सिद्ध है कि यह विद्या प्राचीन काल से ही बहुत विशेष समझी गयी है।
हालांकि कुछ समय के लिए यह लोगों के जीवन से दूर चला गया था लेकिन आज एक बार फिर से लोग इसकी महत्वता को समझने लगे हैं।
ये तो हम सभी जानते हैं कि आज का मानव जीवन कितना जटिल है, उसमें कितनी उलझने है, वह कितना तनावमुक्त हो चला है। ऐसे में यह जरूरी हो गया है कि हमारा हर पथ प्रसन्नता का प्रतीक बनें, जीवन में पीड़ा का कोई भी अंश न बचे।
इसके लिए हमें योग को अपने जीवन में अपनाना होगा, योग विद्या को समझना होगा ताकि आने वाले समय में हमारे प्रत्येक कदम पर चिंतामुक्त और तनावरहित बनते चले और दिव्य शांति एंव समरसता मिले ।
[video_ads]
[video_ads2]
You can send your stories/happenings here:info@religionworld.in