मथुरा, 19 अक्टूबर; उत्तर प्रदेश के मथुरा जनपद में स्थित बांके बिहार मंदिर लॉकडाउन के बाद शनिवार को भक्तों के लिए फिर से खोला गया था लेकिन प्रशासन ने कपाट फिर से बंद करने का निर्णय लिया है.
दरअसल दर्शन के पहले ही दिन ठाकुर जी के दर्शन को पहुंची लोगों की भीड़ के कारण कोविड-19 प्रोटोकॉल का बिलकुल भी पालन नहीं हुआ.
मंदिर के प्रबंधक मनीष शर्मा ने बताया, ‘‘तय किया गया था कि सभी दर्शनार्थी मंदिर की वेबसाइट पर पंजीकरण कराने के बाद भी दर्शन कर सकेंगे. सुबह और शाम की दोनों पारियों में एक दिन में कुल मिलाकर 400 भक्तों को भगवान के दर्शन कराए जाएंगे. लेकिन भक्त सुबह 5:00 बजे से ही मंदिर के बाहर गलियों में एकत्र होने लगे, वहीं एक साथ हजारों की संख्या में लोगों के द्वारा मंदिर की वेबसाइट पर पंजीकरण कराने का प्रयास करने के चलते वेबसाइट क्रैश हो गई. जिसके बाद मजबूर होकर दर्शनार्थियों को बिना पंजीकरण के ही लाइन लगवाकर दर्शन कराने पड़े.’’
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उन्होंने बताया कि दर्शन के दौरान कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करवाने के लिए मंदिर के स्वयंसेवक और पुलिस मौजूद थी, इसके बावजूद भीड़ को नियंत्रित करना मुश्किल हो गया. शर्मा ने बताया, ‘‘इसलिए किसी भी अप्रिय घटना से बचने एवं कोविड-19 संक्रमण ना फैले, इसके मद्देनजर निर्णय लिया गया है कि जबतक मंदिर की ऑनलाइन पंजीकरण व्यवस्था दुरुस्त नहीं हो जाती तब तक दर्शनार्थियों के लिए मंदिर बंद ही रखा जाए.’’
आपको बता दें कि जब शनिवार को मुथरा स्थित प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर खुलने के बाद भारी भीड़ इकट्ठा हो गई थी. कोरोना वायरस संक्रमण के मद्देनजर लागू सामाजिक दूरी के नियम की मथुरा में उस समय पूरी तरह अनदेखी की गई यह मंदिर कोरोना वारयस महामारी के कारण पिछले सात महीने से बंद था.
मंदिर प्रबंधक मनीष शर्मा ने कहा कि मंदिर परिसर में ऑनलाइन पंजीकरण के बाद सीमित लोगों के प्रवेश को अनुमति देने का फैसला किया गया था, लेकिन ऑनलाइन प्रणाली में कुछ दिक्कत आ गई, जिसे ठीक किया जा रहा है.
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