करवा चौथ का त्योहार 4 नवंबर 2020 को मनाया जाएगा. इस दिन सुहागन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए करवाचौथ का निर्जल व्रत रखती हैं. लेकिन करवा चौथ के व्रत को लेकर आपको कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए.
करवा चौथ व्रत के नियम
इस दिन महिलाओं को पीले या लाल रंग के वस्त्र ही धारण करने चाहिए.
काले और सफेद रंग के वस्त्र धारण करना निषेध माना जाता है.
यह व्रत सूर्योदय से चंद्र उदय तक रखा जाता है.
यदि आपके यहां पर सरगी खाने का रिवाज है तो आप सूर्योदय से पहले सरगी खा लें.
यह व्रत निर्जल रहकर किया जाता है. लेकिन यदि आपको किसी प्रकार की स्वास्थ्य समस्या है तो आप करवा चौथ की कहानी सुनने के बाद जल ग्रहण कर सकती हैं.
यह व्रत पति की लंबी उम्र के लिए किया जाता है. इसलिए सुहागन महिलाओं को करवा चौथ के दिन पूरा श्रृंगार अवश्य करना चाहिए.
करवाचौथ व्रत की कथा सुनते समय साबूत अनाज और मीठा साथ में अवश्य रखें.
इस दिन कहानी सुनने के बाद बहु अपनी सास को बायना देती है. जिसमें खाने पीने की वस्तुएं,वस्त्र और श्रृंगार का समान होता है.
करवा चौथ की पूजा में मिट्टी का करवा विशेष माना जाता है. इसलिए इस दिन मिट्टी के करवे से ही करवा चौथ की पूजा करें.
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चंद्रमा निकलने के बाद चंद्र पूजन अवश्य करें और चंद्रमा को अर्घ्य देकर ही करवा चौथ का व्रत पूर्ण करें.
करवा चौथ का व्रत पूर्ण होने के बाद पति का चेहरा अवश्य देंखे और उनका आशीर्वाद अवश्य लें.
इस दिन घर के सभी बुजुर्गों के पैर छूकर उनका आशीर्वाद अवश्य लें और पूजा में हुई किसी भी गलती के लिए चौथ माता से क्षमा याचना भी अवश्य करें.
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