योग सिर्फ व्यायाम के तौर पर ही काम नहीं करता, बल्कि आपकी पूरी शारीरिक प्रणाली को फिर से जवान बनाता है. लेकिन क्या योग चिकित्सा के जरिए बीमारियों का इलाज संभव है ?
पिछले कुछ दश्कों से आयुर्वेद, पारंपरिक चीन चिकित्सा, प्राकृतिक चिकित्सा इत्यादि ने लोगों का ध्यान आकर्षित किया है. इसी क्रम में योग को भी उसके प्रभाव के कारण चिकित्सकीय प्रयोग में लाया जाने लगा है.
योग चिकित्सा व स्वास्थ्य
योग विज्ञान में सेहत का मतलब न तो शरीर से है और न ही मन से, इसमें सेहत का मतलब सिर्फ ऊर्जा के काम करने के तरीके से होता है. जी हां अगर आपका ऊर्जा-शरीर उचित संतुलन और पूर्ण प्रवाह में है, तो आपका स्थूल शरीर और मानसिक शरीर पूरी तरह से स्वस्थ होंगे. ऊर्जा-शरीर को पूर्ण प्रवाह में रखने के लिए किसी तरह की हीलिंग की जरूरत नहीं होती. यह तो अपने मौलिक ऊर्जा-तंत्र में जाकर उसे उचित तरीके से सक्रिय करना है.
हालांकि ये भी कहा गया है कि योग आसनों द्वारा कई रोगों का इलाज किया जा सकता है. कुछ योग विशेषज्ञों का कहना है कि योग चिकित्सा के जरिए बीमारियों को दूर करना बहुत पुरानी पद्धति है. योग विशेषज्ञों का कहना है कि जितनी भी अन्य चिकित्सा प्रणालियां संसार में हैं, वे सब योग चिकित्सा प्रणाली के बहुत बाद में जन्मी हैं.
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शास्त्रों में योग का वर्णन
कहा जाता है कि मानव शरीर में पैदा होने वाली बीमारियों का असंख्यता का अनुमान करके भगवान शंकर ने चौरासी लाख की संख्या में योगासनों की कल्पना की थी. जिसके आधार संसार के वे सभी प्राणी थे जिनकी विभिन्न आकृतियाँ किसी-न-किसी में मानव के लिए हितकर हो सकती थीं और यही वजह थी कि भगवान शंकर ने उन आकृतियों का मानव शरीर की अनुकूलता से तालमेल बिठाकर उस आकार के मानव अवयवों के रोग निवारण के लिए विधान कर दिया.
योग से स्वास्थ्य रहेगा अच्छा
सच्चा स्वास्थ्य प्राप्त करने के लिए योग बिलकुल सरल साधन है. अच्छा स्वास्थ्य हर व्यक्ति का जन्मसिद्ध अधिकार है. रोग और शोक तो केवल प्राकृतिक नियमों के उल्लंघन, अज्ञान तथा असावधानी के कारण होते हैं. खुशी और स्वास्थ्य के नियम बिलकुल सरल तथा सहज हैं. केवल अपनी कुछ गलत आदतों को बदलकर योग को अपनी आदत बनाएं.
योग मूलतः चिकित्सा पद्धति नहीं
हां लेकिन ये भी सच है कि योग समस्त बीमारियों में उपयोगी अवश्य है, परंतु उनकी मदद से चिकित्सा नहीं की जा सकती है.
इसलिए भ्रम में न रखते हुए यह बात भी मानना होगा कि योग के जरिए आप किसी बीमारी में होने वाले मानसिक तनाव, असंतुलन और शरीर की गड़बड़ियों को सुधारा जा सकता है, जिससे कि रोगी के जीवन की गुणवत्ता में बढ़ोतरी अवश्य हो सकती है परंतु उसकी संपूर्ण चिकित्सा संभव नहीं है क्योंकि योग मूलतः चिकित्सा पद्धति नहीं है.
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