हरिद्वार,27 अप्रैल; कोरोना वायरस महामारी का असर कुंभ मेले में साफ देखने को मिला है। दरअसल, आज यानी 27 अप्रैल को चैत्र पूर्णिमा पर सुबह चार बजे ब्रह्ममुहूर्त में स्नान शुरू हो गया था. लेकिन कोरोना संक्रमण की वजह से बेहद कम संख्य में श्रद्धालु गंगा स्नान के लिए पहुंचे.
तो वहीं, अखाड़ों के साधु संतों ने सीमित संख्या में भाग लिया. इस दौरान बैंड बाजों के साथ पारंपरिक पेशवाई और शोभायात्रा भी नहीं निकली गई. यही नहीं, साधु-संतों इस दौरान कोरोना गाइडलाइन का पालन भी किया.
अखाड़ो ने किया स्नान
प्राप्त समाचार के मुताबिक, 27 अप्रैल की सुबह 9 बजकर 30 मिनट से अखाड़ों का स्नान क्रम शुरू हुआ. सबसे पहले पंचायती अखाड़ा और उसके बाद निरंजनी अखाड़े के संतों ने शाही स्नान किया. बता दें कि जूना अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत हरि गिरि और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत रविंद्र पुरी, महानिर्वाणी अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी ने अधिकारियों को आश्वासन दिया था कि अंतिम शाही स्नान को सभी संन्यासी अखाड़े प्रतीकात्मक रूप से करेंगे. संतों और वाहनों की संख्या भी बेहद सीमित रहेगी. वहीं, इस बार आमजन को अखाड़ों के साथ स्नान की अनुमति नहीं है.
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डबल मास्क लगा रहे पुलिसकर्मी
आईजी कुंभ के निर्देश के बाद आज सभी पुलिसकर्मी फेस शील्ड और डबल मास्क लगा कर ड्यूटी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि क्योंकि कोरोना के नए वेरिएंट के हवा से भी फैलने के बारे में सुना गया है, इसलिए ड्यूटी के दौरान पूरी सावधानी बरती जा रही है.
अंतिम शाही स्नान पर्व चैत्र पूर्णिमा के अवसर पर समय 10:00 बजे तक सम्पूर्ण कुम्भ मेला क्षेत्र के घाटों पर स्नानार्थियों की संख्या लगभग 19 हजार थी.
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