आचार्य लोकेश ने राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद से आज भेंट कर अमेरिका यात्रा की विशद चर्चा की
- संतों के ज्ञान व आचरण से सीखने को मिलता है- राष्ट्रपति
- विदेश में भारत का सम्मान बढ़ा-आचार्य डॉ लोकेश
अमेरिका की सदभावना यात्रा के बाद भारत लौटने पर आज भारत के महामहिम राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद जी ने आचार्य डॉ लोकेशजी को राष्ट्रपति भवन में आमंत्रित किया। आचार्य लोकेश ने भेंट के बाद बताया कि राष्ट्रपति जी में विद्वता व विनम्रता की पराकाष्टा है। सादा जीवन उच्च विचार के वे प्रतीक है।उनके साथ बैठकर चर्चा करना चलते फिरते विश्व विद्यालय से साक्षात्कार का अहसास कराता है।
आचार्य लोकेश ने राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविन्द को बताया कि 8 जून से एक महीने के लिए अमेरिका की विश्व शांति सद्भावना यात्रा शुरू की थी।इस यात्रा के दौरान मैंने पांचवे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर संयुक्त राष्ट्रसंघ मुख्यालय पर आयोजित समारोह में भाग लिया।जुलाई के प्रथम सप्ताह में लासएंजलिस में जैन धर्म का सबसे बड़ा सम्मेलन जैना क्न्वेशन 2019 आयोजित हुआ। जिसमें 4000 चार हज़ार प्रतिनिधियों ने भाग लिया।इसी दौरान न्युजर्सी की सबसे बड़ी यूनिवर्सिटी रटगर्स में आयोजित अंतराष्ट्रीय सम्मेलन को तथा न्यूयार्क में वरिष्ट कोंग्रेसमेन ग्रेगोरी मीक्स व असम्बलिमेन डेविड वेपरिन के साथ पार्लियामेंट मेम्बरों की हाई लेवेल मीटिंग को सम्बोधित किया।
8 जुलाई को केलिफोर्निया की स्टेट एसेम्बली में मुझे विधानसभा की कार्यवाही के बीच प्रशस्ति पत्र प्रदान कर भारतीय संयासी के रूप में सम्मानित किया व विधानसभा के सभी सदस्यों ने तालियों की गड़गड़ाहट के साथ खड़े होकर अभिनन्दन किया यह पूरे भारत के लिए गौरव का क्षण था।
आचार्य लोकेशजी ने कहा कि ये मेरा नहीं, महान भारतीय संस्कृति व भगवान महावीर के अहिंसा दर्शन का सम्मान हैं।आचार्य लोकेश ने कहा इन वर्षों में भारत व भारतीय संस्कृति का विदेशों में सम्मान बढ़ा है।
माननीय राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद जी ने 25 मिनट की इस भेंट में अपने जीवन के अनेक प्रेरक संस्मरण सनाते हुए कहा कि आप जैसे संतों के ज्ञान व आचारण से जनता को बहुत सीखने को मिलता है।मैंने आपके द्वारा मुम्बई में आयोजित कार्यक्रम में भी भाग लिया था वो बहुत सुन्दर कार्यक्रम था।
आचार्य डॉ लोकेशजी ने अहिंसा विश्व भारती की विभिन्न गतिविधियों व आगामी कार्यक्रमों की राष्ट्रपतिजी को जानकारी दी।