राष्ट्रपति भवन में विश्व मैत्री दिवस पर संगोष्ठी
विश्व शांति के लिए भगवान महावीर का दर्शन उपयोगी – राष्ट्रपति कोविंद
विभिन्न राष्ट्रों के बीच में मैत्रीपूर्ण संबंधों के लिए अनेकांत दर्शन अत्यंत उपयोगी – आचार्य लोकेश
नई दिल्ली, 5 सितम्बर 2017: जैन धर्म के पर्युषण व दशलक्षण महापर्व की परिसम्पन्नता पर राष्ट्रपति भवन में महामहिम राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद एवं अहिंसा विश्व भारती के संस्थापक आचार्य डा. लोकेश मुनि के सान्निध्य में विश्व मत्री दिवस संगोष्ठी का आयोजन हुआ | इस अवसर पर राष्ट्रपति श्री कोविंद जी ने सम्पूर्ण जैन समाज को शुभकामनायें देते हुए कहा कि विश्व शांति के लिए भगवान महावीर का दर्शन अत्यंत उपयोगी है | उनके द्वारा बताये गए अहिंसा व अनेकांत के मार्ग पर चलने से दुनिया में शांति व सद्भावना वृद्धि हो सकती है |
राष्ट्रपति ने इस अवसर पर आचार्य लोकेश को लंदन पार्लियामेंट में पहली बार आयोजित हो रहे वसुदेव कुटुम्बकम समारोह में संबोधन के लिए प्रस्थान करने पर बधाई दी | उन्होंने आचार्य लोकेश को लंदन पार्लियामेंट में ‘एम्बेसडर ऑफ़ पीस’ से सम्मानित किये जाने पर अग्रिम बधाई दी | श्री कोविंद ने कहा कि आचार्य लोकेश ने भारत और विश्व के अनेक प्रतिष्ठित मंचों से विश्व शांति का सन्देश देकर विश्व बंधुत्व के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया है | राष्ट्रपति ने अहिंसा विश्व भारती द्वारा मुंबई में आयोजित ‘वर्ल्ड पीस कॉन्क्लेव’ की डी.वी.डी. की प्रथम प्रति जारी की |
प्रख्यात जैनाचार्य डा. लोकेश मुनि ने कहा कि क्षमा व मैत्री के द्वारा पारिवारिक व सामाजिक सामंजस्य मुमकिन है | विभिन्न राष्ट्रों के बीच में मैत्रीपूर्ण संबंधों के लिए भगवान महावीर का अनेकांत दर्शन व क्षमा का व्यवहारिक प्रयोग अत्यंत उपयोगी हो सकता है | उन्होंने उत्तर कोरिया व अमेरिका के बीच बढ़ते तनाव का उल्लेख करते हुए भारत के राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री से शांतिपूर्ण मध्यस्थता के लिए अपील की | आचार्य लोकेश ने कहा कि ऐसा लग रहा है कि हम तीसरे विश्व युद्ध की ओर बढ़ रहे है जिससे विश्व जनमानस चिंतित है | युद्ध में हारने वाला तो हारता है, जीतने वाला भी हारता है | अंतत: युद्ध के बाद भी बातचीत की टेबल पर आना होता है, तो क्यों नहीं यह पहले ही कर लिया जाये | उन्होंने जोर देकर कहा कि युद्ध, हिंसा व आतंकवाद किसी समस्या का समाधान नहीं है, संवाद के द्वारा अनेकांत वादी शैली से हर समस्या को सुलझाया जा सकता है |
इस अवसर पर श्वेताम्बर परंपरा के श्री सुभाष ओसवाल, दिगंबर परंपरा के श्री मनोज जैन, मुम्बई से समागत श्री मनीष शाह, गुजरात से समागत श्री अतुल जैन एवं अहिंसा विश्व भारती के अन्तर्राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर डा. अतुल ने अपने विचार व्यक्त किये तथा राष्ट्रपति को भगवान महावीर का चित्र व शाल भेंट किया |