लखनऊ, 6 मार्च; गुरुवार को हुयी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की बैठक में अयोध्या में मस्जिद के लिए बनने वाले ट्रस्ट के नाम और सदस्यों का ऐलान नहीं हो सका। सूत्रों के मुताबिक, बोर्ड और पक्षकारों में गतिरोध के कारण ऐसा हुआ। हालांकि, बोर्ड के अध्यक्ष जुफर फारूकी ने सफाई दी कि यह बोर्ड की मासिक बैठक थी, जिसमें ट्रस्ट पर चर्चा नहीं होनी थी। उन्होंने यह जरूर कहा है कि होली के बाद ट्रस्ट का नाम, उसके सदस्य और एजेंडा घोषित कर दिया जाएगा।
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31 मार्च को बोर्ड का कार्यकाल खत्म रहा है और इससे पहले की मासिक बैठक में ट्रस्ट और सदस्यों के नाम का ऐलान होना था। हालांकि, इसके पहले ही गतिरोध शुरू हो गया।
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दूसरी तरफ बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने ट्रस्ट और यहां बनने जा रही मस्जिद को लेकर आपत्ति जताई। बोर्ड के भी कई सदस्य ट्रस्ट में शामिल हो रहे मौजूदा नामों पर सहमत नहीं थे। लिहाजा, इसकी घोषणा टाल दी गई।
इकबाल अंसारी ने बैठक पर सवाल उठाते हुए कहा कि अयोध्या के मुस्लिम पक्षकारों से वक्फ बोर्ड बात तक नहीं कर रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने कृषि की जमीन बोर्ड को दी है। ऐसे में यहां कृषि कार्य करवाया जाए। फसल से होने वाली आमदनी को अल्लाह और भगवान राम के नाम पर दोनों कौमों के गरीबों को बांटा जाए। उन्होंने कहा कि रौनाही में पहले से 22 मस्जिदें हैं। ऐसे में नई मस्जिद की जरूरत नहीं है।
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