अहोई अष्टमी व्रत: जानिए क्या है अहोई अष्टमी व्रत के नियम
किसी भी व्रत को सफल बनाने के लिए उसके नियम जानने अत्यंत आवश्यक है. अहोई अष्टमी का व्रत करने वाली साधिकाओं को भी अहोई अष्टमी व्रत के नियम अवश्य जानने चाहिए। जिससे वह इस व्रत का पूर्ण फल प्राप्त कर सके। ज्योतिषाचार्य सुन्दर पाठक से जानते हैं क्या है अहोई अष्टमी व्रत के नियम
अहोई अष्टमी व्रत करने के नियम
- अहोई अष्टमी का व्रत निर्जल रहकर किया जाता है। जो महिला इस व्रत को निर्जल रहकर करती है। उसे इस व्रत के पूर्ण फल प्राप्त होते हैं।
- अहोई अष्टमी के व्रत में तांबे के लोटे से अर्घ्य नहीं दिया जाता है। क्योंकि इस दिन तांबे के लोटे को अशुद्ध माना जाता है। यदि कोई महिला इस दिन तांबे के लोटे से अर्घ्य देती है तो उसके व्रत का फल नष्ट हो जाता है।
- अहोई अष्टमी व्रत में तारों को अर्घ्य दिया जाता है। जिस प्रकार करवा चौथ के व्रत में चंद्रमा को अर्घ्य देने से यह व्रत पूर्ण होता है। उसी प्रकार अहोई अष्टमी के दिन तारों को अर्घ्य देने से यह व्रत पूर्ण होता है।
- अहोई अष्टमी के व्रत में करवा नया नहीं लिया जाता है। क्योंकि इस व्रत के अनुसार करवा चौथ के करवे का ही प्रयोग करने का विधान है।
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- अहोई अष्टमी का व्रत रखने वाली महिला को चाकू ,कैंची जैसी धारधार वस्तु से किसी भी चीज को नहीं काटना चाहिए और न हीं सूईं धागे का कोई काम करना चाहिए।
- अहोई अष्टमी का व्रत बच्चों के लिए किया जाता है। इसलिए इस दिन न तो अपने बच्चों को और न हीं दूसरे के बच्चों को मारें और न हीं उन्हें अपशब्द कहें।
- अहोई अष्टमी के व्रत में तामसिक भोजन का प्रयोग न करें और न हीं घर में किसी को करने दे।
- अहोई अष्टमी का व्रत करने वाली महिला को दिन में सोना नहीं चाहिए। क्योंकि व्रत में पूजा पाठ करना अधिक फलदायी होता है।
- अहोई अष्टमी का व्रत करने वाली महिला को किसी बुजुर्ग का अपमान नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से उस महिला के व्रत का फल नष्ट हो जाता है।
- अहोई अष्टमी व्रत के दिन अपने घर में पोंछा न लगाएं। प्राचीन कथाओं के अनुसार इस दिन पोंछा लगाना निषेध बताया गया है।