[contact-form][contact-field label=”Name” type=”name” required=”true” /][contact-field label=”Email” type=”email” required=”true” /][contact-field label=”Website” type=”url” /][contact-field label=”Message” type=”textarea” /][/contact-form]
[contact-form][contact-field label=”Name” type=”name” required=”true” /][contact-field label=”Email” type=”email” required=”true” /][contact-field label=”Website” type=”url” /][contact-field label=”Message” type=”textarea” /][/contact-form]
अक्रम विज्ञान – अनंत सुख का प्रवेशद्वार !
अक्रम विज्ञान,एक व्यवहारिक, आध्यात्मिक और जीवनोपयोगी विज्ञान है जो मोक्ष प्राप्ति के लिए एक ‘शार्टकट’ रास्ता है।
परंपरागत मार्ग में मुक्ति के लिए लोगों को उनके पारिवारिक जीवन और अन्य भौतिक चीज़ों का त्याग करना पड़ता है। खुद के अंदर रही हुई कमजोरियों को निकालना पड़ता है और साथ ही आत्म नियंत्रण का अभ्यास भी करना पड़ता है ताकि अहंकार खत्म हो जाए और आत्मा प्राप्त हो| अक्रम विज्ञान में ऐसा कुछ नहीं करना होता|
अक्रम विज्ञान द्वारा मोक्ष दो चरणों में प्राप्त होता है-
पहले चरण का मोक्ष अर्थात आप इसी जन्म में अपने जीवन में दुःखों से मुक्ति का अनुभव करते हैं। रोज़मर्रा की परेशानियों के बीच में भी आप अपने भीतर, आत्मा के आनंद का अनुभव करते हैं।
दूसरे चरण का मोक्ष अर्थात जब सभी कर्म पूरी तरह से समाप्त हो जाने पर जन्म-मरण के चक्कर से छुटकारा मिल जाता है। यही मोक्ष है|
आपको पहले चरण का मोक्ष तो यहाँ तुरंत ही प्राप्त हो सकता है। क्या आपको यह नामुमकिन लग रहा है? ऐसा बिल्कुल नहीं है! हज़ारों लोगों ने इसका अनुभव किया है और इससे उनके जीवन में बदलाव भी आया है।
अक्रम विज्ञान हमें ऐसी शक्ति प्रदान करता है, जिससे हम किसी भी प्रकार के संयोगों में अलिप्त रह सकते हैं और इस प्रकार ‘पहले चरण के मोक्ष’ का अनुभव कर सकते हैं।
अक्रम विज्ञान की विशिष्टताएँ
यह अत्यंत सरल मार्ग है, जिसमें सिर्फ दो ही घंटों में प्रत्यक्ष ज्ञानी की कृपा से आत्मा का अनुभव प्राप्त किया जा सकता है। यह एक आध्यात्मिक विज्ञान है न कि कोई धर्म।
यह एक परिणाम लक्षी आध्यात्मिक विज्ञान है, जो आपके जीवन में और संबंधों में सकारात्मक बदलाव लाता हैं। इसके लिए अपना धर्म या अपने गुरु को बदलने की जरूरत नहीं है।
इसमें किसी भी प्रकार के अनुष्ठान (क्रियाकांड) का पालन नहीं करना है|
इसमें किसी भी प्रकार के त्याग (अपना परिवार या अपनी सुख-सुविधाओं) की आवश्यकता नहीं है।
अक्रम विज्ञान,यथार्थ समझ पर आधारित है, जो अनिवार्य रूप से सही आचरण की ओर ले जाता है। यह समझने में बेहद सरल है और पूरी तरह से वर्तमान समय के लिए अनुरूप है।
अक्रम विज्ञान का इतिहास
अक्रम विज्ञान का मार्ग ज्ञानी पुरुष,‘दादाश्री’ द्वारा दिया गया है| उन्हें सभी ‘दादा भगवान’ के नाम से भी जाना जाता हैं।
उनका नाम ‘अंबालाल मूलजीभाई पटेल’ था और वे पेशे से सिविल कोन्ट्रेक्टर थे। जून 1958 की शाम को जब वे सूरत(भारत) के रेलवे स्टेशन की एक बेंच पर बैठे थे, तब कुदरती रूप से उनके भीतर एक अभूतपूर्व आध्यात्मिक अनुभव प्रगट हुआ| इस सहज आंतरिक अनुभव द्वारा, जो लगभग एक घंटे तक चला, उन्हें सभी आध्यात्मिक प्रश्नों के जवाब मिल गए विभिन्न प्रश्न जैसे कि ‘यह संसार क्या है?’, ‘जगत कौन चलाता है?’, ‘मैं कौन हूँ?’, ‘कर्म क्या है?’, ‘बंधन क्या है?’, ‘मोक्ष क्या है?’, ‘मोक्ष कैसे प्राप्त किया जा सकता है?’
“जिस सुख को आप खोज रहे है, वह इस संसार जीवन में प्राप्त नहीं हो सकता। सच्चा सुख ख़ुद (आत्मा) में है। वह सुख ‘मैंने’ प्राप्त किया है , ‘मैंने’ उसका अनुभव किया है | ”
-दादा भगवान
सौजन्य: http://hindi.dadabhagwan.org
=======================================================
रिलीजन वर्ल्ड देश की एकमात्र सभी धर्मों की पूरी जानकारी देने वाली वेबसाइट है। रिलीजन वर्ल्ड सदैव सभी धर्मों की सूचनाओं को निष्पक्षता से पेश करेगा। आप सभी तरह की सूचना, खबर, जानकारी, राय, सुझाव हमें इस ईमेल पर भेज सकते हैं – religionworldin@gmail.com– या इस नंबर पर वाट्सएप कर सकते हैं – 9717000666 – आप हमें ट्विटर , फेसबुक और यूट्यूब चैनल पर भी फॉलो कर सकते हैं।
Twitter, Facebook and Youtube.