जम्मू , 15 फरवरी; श्री अमरनाथ यात्रा 2020 इस बार 23 जून से शुरू होकर श्रावण पूर्णिमा (रक्षाबंधन) तीन अगस्त तक चलेगी। कुल मिलाकर इस साल 42 दिन की अमरनाथ यात्रा रहेगी। जम्मू के राजभवन में उपराज्यपाल गिरीश चंद्र मुर्मू की अध्यक्षता में हुई श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड की 37वीं बोर्ड बैठक में शुक्रवार को फैसले पर मुहर लगाई गई। श्रद्धालुओं की सुरक्षा को देखते हुए यात्रा को 42 दिन करने की सलाह श्री श्री रविशंकर कमेटी ने दी थी। बोर्ड ने सलाह को स्वीकृति प्रदान कर दी। उल्लेखनीय है कि साल 2019 में यात्रा की अवधि 46 दिन, 2018 में 60 दिन की रही थी।
23 जून को हिंदू कैलेंडर के अनुसार जगन्नाथ रथ यात्रा का पवित्र दिवस भी है और इस दिन ही श्री अमरनाथ यात्रा का पहला जत्था दर्शन के लिए रवाना करने का निर्णय लिया गया। इस अवसर पर बताया गया कि 32 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में 442 पंजाब नेशनल बैंक, जम्मू कश्मीर बैंक और येस बैंक की शाखाओं में यात्रा पंजीकरण की सुविधा उपलब्ध होगी। एक अप्रैल से पंजीकरण का काम शुरू हो जाएगा।
2019 में आन लाइन रजिस्ट्रेशन की सीमा निर्धारित होने को देखते हुए इस बार आनलाइन रजिस्ट्रेशन कोटा को बढ़ाया गया है। बोर्ड ने प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया के माध्यम से यात्रा का प्रचार प्रसार बड़े पैमाने पर करने के भी निर्देश जारी किए ताकि श्रद्धालु समय पर अनिवार्य रूप से हेल्थ सर्टिफिकेट हासिल कर लें। बोर्ड ने मुख्य कार्यकारी अधिकारी से अपील की कि वह यात्रा के इच्छुक श्रद्धालुओं को बताए कि यात्रा करने से पहले वह डाक्टरों से परामर्श ले ले। 13 साल से कम आयु और 75 साल से ज्यादा की आयु के व्यक्ति को यात्रा की अनुमति नहीं होगी।
बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को यात्रा क्षेत्र में बिना व्यवधान वाली टेलिकाम सेवा को सुनिश्चित करने, लंगर संगठनों की सेवाएं लेने और श्रद्धालुओं को कठिन मार्ग और मौसम को ध्यान में रखते हुए यात्रा की तैयारी करने की अपील करने के भी निर्देश दिए। यात्रियों से अपील की गई कि वह प्रतिदिन व्यायाम करें ताकि यात्रा के लिए वह शारीरिक रूप से फिट रह सकें। सूचना और प्रसारण मंत्रालय के सहयोग व समर्थन से जागरूकता अभियान चलाने का भी फैसला लिया गया।
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सिंगल यूज प्लास्टिक पर रहेगा प्रतिबंध
उपराज्यपाल एवं श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के चेयरमैन गिरीश चंद्र मुर्मू ने इस अवसर पर श्रद्धालुओं की सुविधा के प्रबंधों में और सुधार के निर्देश जारी करते हुए कहा कि कार्य योजना की फिर समीक्षा की जाएगी। स्वास्थ्य सेवाओं, साफ सफाई के क्षेत्र में और सुधार व संवेदनशील क्षेत्रों में रेलिंग लगाने और पर्यावरण मैत्री तरीके से इंतजाम पर जोर दिया। सिंगल यूस प्लास्टिक यात्रा क्षेत्र में प्रतिबंधित रहेगी।
बैठक में सलाहकार राजीव राय भटनागर, मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रमण्यम , बोर्ड के सदस्य स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज, डीसी रैना, पंडित भजन सोपोरी, प्रो. अनीता बिलावरिया, डा. सुदर्शन कुमार, डा. सी एम सेठ और प्रो. विश्वमूर्ति शास्त्री, मुख्य कार्यकारी अधिकारी बिपुल पाठक, अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी अनूप कुमार सोपी व बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।