धार्मिक अंधविश्वास है पशु बलि : योगभूषण महाराज
दिनांक 26 अक्टूबर 2018 : हरियाणा की कामधेनु गौ धाम गुड़गांव में आयोजित मासिक हवन एवं सत्संग समारोह में परम श्रद्धेय श्री योगभूषण जी महाराज (संस्थापक धर्मयोग फाउंडेशन) ने कार्यक्रम में उपस्थित जनसमूह को आशीर्वचन देते हुए कहा कि गाय एवं अन्य सभी जीव जंतु भी ईश्वर का ही अंश एवं रूप है तथा साथ ही यह भी बताया कि सृष्टि में उपस्थित सभी जीव जंतु किसी न किसी रूप में उनसे जुड़े हुए है। उन्होंने पशु बलि को पूर्ण रूपेण गलत बताते हुए इसकी कड़े शब्दों में निंदा एवं भर्त्सना की।
गाय और पंचगव्य उत्पादों के मूल्यों पर वार्ता में उन्होंने श्रोताओं को कहा कि हमारी दो माँ होती है, एक हमें जन्म देती है लेकिन दूसरी माँ गौमाता हूं। उन्होंने कहा कि एक निर्दोष प्राणी की हत्या से ईश्वर की प्रसन्नता कैसे हो सकती है ? मांस मदिरा किसी भी देवता का भोजन नहीं है, कोई भी देव मांसाहारी नहीं है। राक्षसों को ही मांस मदिरा चढ़ाई जाती है, तो क्या हम मांस मदिरा चढ़ा कर, पशुओं की बलि देकर राक्षसों की पूजा कर रहे हैं ? व्यक्तिगत शोक को पूरा करने के लिये ऐसी मिथ्या परंपराओं का प्रचलन शुरू हुआ, लेकिन ध्यान रहे किसी भी प्राणी की हत्या सामाजिक व धार्मिक दोनों तरह से कानूनन अपराध है। पशु बलि हिन्दू धर्म का हिस्सा नहीं है, वेद – पुराणों में कहीं भी पशु बलि का वर्णन नहीं मिलता। पशु बलि मानव सभ्यता पर कलंक है। योगभूषण जी महाराज ने पशु बलि निषेध का आह्वान करते हुए कहा कि बलि देनी ही हैं तो अपने अंदर की पशुता ( हिंसा, बैर, दुराचार, भ्रष्टाचार आदि) की बलि देकर सात्विक सरल जीवन जीना चाहिए।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री इंद्रेश कुमार (पूर्ण कालिक प्रचारक, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ) ने बलि प्रथा पर विस्तार से प्रकाश डाला एवं कहा कि बलि प्रथा को कली भी धर्म / आध्यात्मिक रूप से मान्यता नहीं देता और न ही इसे तर्कसंगत बताता है, बल्कि सभी धर्म इसकी भर्त्सना करते हैं। कार्यक्रम का संचालन भारत के प्रसिद्ध कवि श्री दिनेश रघुवंशी जी ने किया।
इस कार्यक्रम में श्री राम कृष्ण रघुवंशी (सदस्य भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड), श्री सुशील राजा (अधिवक्ता, एडिशनल स्टैंडिंग काउंसिल केंद्र सरकार एवं अध्यक्ष अटल बिहारी फाउंडेशन एवं दादा दादी हेल्प फाउंडेशन), श्री राजकुमार अग्रवाल (प्रबंध निदेशक हाई टेक ग्रुप), हिमाचल के कामाख्या पीठ के स्वामी बंसी लाल जी, डॉ. नीलम बाला (सचिव भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड) आदि गणमान्य बंधु उपस्थित रहे।
श्री एस. पी. गुप्ता जी एवं श्रीमती शशि गुप्ता जी ने पधारे सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया।