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अक्षरधाम में अन्नकूट : एक शाश्वत परंपरा की भव्यता

अक्षरधाम में अन्नकूट : एक शाश्वत परंपरा की भव्यता

दिल्ली के स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर में आज नजारा देखने लायक होता है। मुख्य मंदिर के पीछे बने खास मंदिर में होती है एक विशेष आराधना। स्वामीनारायण भगवान मनाते हैं अन्नकूट महोत्सव। मंदिर में आने वाले भक्तों के लिए साल में एक बार खुलते है पीछे के मंदिर के द्वार, और जिस तरह अक्षरधाम में होता है अन्नकूट का आयोजन, वो किसी भी आगंतुक को आश्चर्यचकित कर दे।

1100 से अधिक किस्म के शुद्ध सात्विक भोज को भगवान स्वामीनारायण को अर्पित किया जाता है। और इसकी तैयारी कई दिन पहले से की जाती है। दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर के स्वामी ज्ञानमुनि ने रिलीजन वर्ल्ड को बताया कि, “इस बार हमनें कई व्यवस्थाएं बदली है, जिससे हजारों की संख्या में आने वाले भक्तों को मिनटों में भगवान स्वामीनारायण के अर्पित अन्नकूट के दर्शन हो रहे है। सुबह 6 बजे से ही हमनें मंदिर में भोज को लगाना शुरु कर दिया था। जिससे किसी भी आने वाले भक्त को एक पल भी इंतजार नहीं करना पड़ा”। 

सैकड़ों की संख्या में लगे सहयोगियों की खास सेवा से अक्षरधाम सदैव जाना जाता रहा है। विशिष्ट अतिथियों के साथ-साथ हर आने वाले को यहां आज के दिन और सभी दिन खास मेहमान की तरह देखा जाता है।

भगवान कृष्ण के गिरिराज पर्वत के भी दर्शन अक्षरधाम परिसर में लोगों को हुए। ब्रज की धरा से गोवर्धन पर्वत को अर्पित होने की परंपरा से निकली है अन्नकूट की रवायत। वैसे कृष्ण को ब्रज से लेकर गुजरात तक छप्पन भोग लगने की परंपरा भी इसी चाव से मनाई जाती है।

दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर के मुख्य विशाल मंदिर के पीछे सफेद संगमरमर के मंदिर की कहानी कम लोगों को पता है। बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था यानि BAPS ने दिल्ली में अपना विशाल मंदिर निर्माण से पहले इस छोेटे मंदिर को बनवाकर भगवान स्वामीनारायण की पूजा अर्चना शुरु की थी। इसलिए हर साल अन्नकूट के दिन यहां विशाल आयोजन किया जाता है।

अक्षरधाम में भव्य अन्नकूट का देखिए वीडियो….

 

Post By Religion World