- परमार्थ निकेतन में कचरा संयोजन मशीन किल वेस्ट का शुभारम्भ
- उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत जी ने किया उद्घाटन
- हिन्दुस्तान की शान को बनायें रखने के लिये कचरे का प्रबंधन नितांत आवश्यक-स्वामी चिदानन्द सरस्वती
- भारतीय सेना दिवस पर स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी एवं मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत जी ने भारत के बहादुर सैनिकों की शहादत को किया सलाम
- सेना के जवान देश की शान है; देश का मान; देश की आन है
- कचरा संयोजन मशीन को प्रथम चरण में परमार्थ निकेतन में लगाया गया इसके सफल परिक्षण के पश्चात इसका शहर के विभिन्न स्थानों पर भी प्रयोग किया जायेगा
ऋषिकेश, 15 जनवरी। उत्तराखण्ड राज्य के मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत जी आज परमार्थ निकेतन पधारे। माननीय मुख्यमंत्री जी ने परमार्थ योगा गार्डन में कचरा संयोजन (किल वेस्ट) मशीन का शुभारम्भ किया। भारत भूमि दिव्य भूमि है; भारत जीता-जागता राष्ट्र पुरूष है परन्तु दुर्भाग्यवश वर्तमान समय में भारत में जहाँ भी देखें वहां कचरे-कूड़े के ढ़ेेर लगे हुये है, कचरे के स्थायी रूप से प्रबंधन की नितांत आवश्कता है। कचरे के प्रबंधन में मानवीय लापरवाही प्रमुख समस्या है परन्तु कचरे का प्रबंधन भी मानवीय सहभागिता से ही सम्भव है।
परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष, ग्लोबल इण्टरफेथ वाश एलायंस के संस्थापक एवं गंगा एक्शन के प्रणेता स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज पर्यावरण के क्षेत्र में अद्भुत कार्य कर रहे हैं। उन्होने प्रत्येक पर्व, कार्यक्रम एवं उत्सव को पर्यावरण संरक्षण से जोड़कर वैश्विक स्तर पर वैश्विक मंच से जागरूकता का संदेश प्रसारित किया है। इसी क्रम में स्वामी जी महाराज ने यमकेश्वर की कर्मठ विधायक, श्रीमती ऋतु खण्डूरी जी, नगर पंचायत की चेयरमेन श्रीमती शकुन्तला राजपूत एवं सभी सभासदों से कचरा संयोजन मशीन के विषय में विस्तृत चर्चा की ताकि इसे प्रशासन द्वारा स्वर्गाश्रम एवं ऋषिकेश के विभिन्न स्थानों पर भी लगाया जाये।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह जी ने कहा कि ’किल वेस्ट कचरे को जलाकर फर्टिलाइजर मंे परिवर्तित करने का सबसे बेहतर तरीका है। इससे कचरे की मात्रा कम होगी और पर्यावरण भी स्वच्छ होगा। कचरे का प्रंबधन भारत के लिये एक बड़ी समस्या है, किल वेस्ट मशीन में इस समस्या का समाधान निहित है।’ भारतीय सेना दिवस पर स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी एवं मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड सरकार श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत जी ने भारत के बहादुर सैनिकों की शहादत पर दो मिनट का मौन रखा। लोगों की सलामती के लिये अपना सर्वोच्च न्यौछावर करने वाले अपने प्राणों का बलिदान करने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की। स्वामी जी ने कहा कि सेना के जवान देश की शान है; देश का मान और आन है। हमारे सैनिक हर चुनौतियों का डटकर सामना करते है। हमारे सैनिक हमारे राष्ट्र का गौरव है। सैनिकों के बलिदान; साहस और कर्तव्यनिष्ठा के लिये हम सभी को गर्व है। स्वामी जी कहा कि सेना दिवस बने स्वच्छता दिवस; सेवा दिवस। वर्तमान मंे सबसे बड़ी सेवा है, पर्यावरण की सेवा; स्वच्छता ही सेवा है; स्वच्छता ही धर्म है और स्वच्छता ही कर्म है। उन्होने कहा कि स्वच्छता एवं सेवा के कार्यों हेतु हर क्षेत्र के लोगों को जुड़ना जरूरी है। सेना और संत चले साथ-साथ और मिलकर कार्य करे तो विलक्षण परिणाम प्राप्त होंगे। स्वामी जी ने पर्यावरण के लिये सभी संस्थाओं को मिलकर कार्य करने का आहृवान किया। उन्होने बताया कि वृक्षारोपण के लिये ईकोे टास्क फोर्स और परमार्थ निकेतन मिलकर कार्य करेंगे। स्वामी जी महाराज और माननीय मुख्यमंत्री जी ने सेना दिवस के अवसर पर जवानों को पौधे वितरित किये। इस अवसर पर स्वामी जी ने कहा कि ’परेड पर्व बने प्रेरणा पर्व’ उधर परेड करे और इधर पेड़ लगायंे, ’परेड के बाद लगे पेड’ यही है आज का संदेश।