सच्चे संत की पहचान – निस्वार्थ सेवा
सच्चे संत की पहचान – निस्वार्थ सेवा संत वह नहीं जो केवल ध्यान में बैठा रहे, गुफाओं में वास करे या शास्त्रों का ज्ञान रटे। सच्चा संत वह होता है जिसकी वाणी में प्रेम, हृदय में करुणा और हाथों में सेवा का संकल्प हो। निस्वार्थ सेवा ही उस संतत्व की सच्ची पहचान है। कहानी: एक संत और किसान बहुत समय पहले एक गाँव में एक महान संत रहते थे। दूर-दूर से लोग उनके दर्शन के… Continue reading सच्चे संत की पहचान – निस्वार्थ सेवा