600 वर्ष बाद बदलेगा बदरीनाथ धाम का छत्र : संतों ने किया लुधियाना में अनावरण
लुधियाना, 7 अप्रैल। देश के चार धामों में से एक बदरीनाथ धाम में होने वाला है एक खास परिवर्तन। सदियों में कभी कभी होने वाले इस बदलाव के लिए बड़ी तैयारियां की गई है। श्री बद्रीविशाल जी के गर्भगृह में उनके विग्रह के ऊपर लगा 600 साल पुराना सोने का छत्र अब बदलने वाला है। ये सौभाग्य का स्वर्णिम क्षण होगा। पंजाब के लुधियाना के मुक्त परिवार को बद्रीनाथ धाम के छत्र की सेवा का मौका मिला है। मुक्त परिवार के श्री ज्ञानेश्वर सूद जी के लिए ये एक वरदान जैसा है। उनके परिवार का चयन 600 साल बाद होने वाले इस खास आयोजन हेतु हुआ है। ज्ञानेश्वरजी बद्री केदार मंदिर समिति के एडवाइजर भी हैं।
मथुरा में तैयार कराया गया है छत्र
सोने के छत्र का निर्माण मथुरा में कराया गया है। इसे बनाने में पांच महीने से ज्यादा का वक्त लगा है। इसमें चार किलो सोने, हीरे, पन्ने और कई रत्नों का प्रयोग किया गया है।
बद्रीनाथ धाम में 9 मई, 2018 को हीरों और रत्नों से जड़ित स्वर्ण छत्र बदरीनाथ गर्भगृह में स्थापित किया जाएगा। वर्तमान में बद्री्नाथ गर्भगृह में वर्षों पुराना सोने का छत्र मौजूद है। सोने का यह छत्र करीब दो किलोग्राम का है, जिसे मध्य प्रदेश की महारानी अहिल्याबाई होल्कर ने चढ़ाया था।
ज्ञानेश्वर सूद जी ने छत्र चढाने की जताई थी इच्छा
विगत वर्ष अक्तूबर में लुधियाना के डॉ. ज्ञानेश्वर सूदजी ने बद्रीनाथ धाम में सोने का छत्र चढ़ाने की इच्छा जताई थी। उन्हें छत्र चढ़ाने की अनुमति दे दी गई थी। इस बार करीब तीन सौ तीर्थयात्रियों के जत्थे के साथ आठ मई को छत्र को लुधियाना से बदरीनाथ धाम लाया जाएगा। नौ मई को पूजा-अर्चना और विधि विधान के साथ छत्र को बदरीनाथ गर्भगृह में स्थापित किया जाएगा। ज्ञानेश्वर सूद जी ने बताया कि उनके दादा गुरु महर्षि मुक्त जी ने 1918 में पहली बार श्री बदरीनाथ धाम की यात्रा की थी। उनकी यात्रा शताब्दी को लेकर ही सद्गुरु देव संत प्रतिमा महाराज के सान्निध्य में महर्षि मुक्त बदरीनाथ यात्रा शताब्दी मनाई जा रही है। इस अवसर पर छत्र अनावरण के लिए लुधियाना में संत सम्मेसलन का आयोजन किया गया। दुनिया के सामने पहली बार छत्र के दर्शन के लिए खास इंतजाम किए गए। लुधियाना के इस अनावरण समारोह में देशभर के संत विशेष रूप से शामिल हुए हैं। कार्यक्रम की रूपरेखा और पूरी योजना में श्री वैष्णवाचार्य पुण्डरीकजी महाराज ने बहुत ही खास योगदान दिया। उन्होंने सभी संतों को निजी तौर पर निमंत्रित किया और एक एक चीज की तैयारियों में सतत लगे रहे। कार्यक्रम कार्ष्णि पीठाधीश्वर गुरु शरणानंदजी महाराज की अध्यक्षता में और सद्गुरु देव संत प्रतिमा महाराज के विशेष मौजूदगी में संपन्न हुआ।
मलूक पीठाधीश्वर राजेन्द्रदास जी, महामंडलेश्वर श्री गीता मनीषी ज्ञानानंद जी, श्री वैष्णवाचार्य पुण्डरीकजी महाराज, महामंडलेश्वर श्री विश्वेश्वरानंद जी, जगतगुरु श्री श्रीधराचार्य जी महाराज, महामंडलेश्वर श्री कैलाशानंद ब्रह्मचारी जी, भागवतकिंकर अनुरागकृष्ण शास्त्री जी, भागवताचार्य इंद्रेश जी, भागवतशरण रविनंदन जी महाराज, श्री बिहारीदास भक्तमाली जी महाराज, गौ कृपामूर्ति श्री कृष्णानंद जी महाराज, अग्रदेवाचार्य पीठाधीश्वर डॉ. श्री राघवाचार्य जी महाराज रैवासा वाले, श्रीक्षेत्र बद्रीनाथ धाम के पूज्यश्री धर्माधिकारी भुवन उनियाल,उत्तराखंड सरकार के प्रतिनिधि श्री अजय भट्ट जी और कई संत शामिल हुए। कार्यक्रम में हजारों की संख्या में विशिष्ट लोग भी शामिल हुए. इस कार्यक्रम का संचालन रिलीजन वर्ल्ड के संस्थापक भव्य श्रीवास्तव और आरूषि गोस्वामी ने किया।
देखिए पूरा आयोजन का वीडियो….
https://www.youtube.com/watch?v=NbmFEYMFO8g
वीडियो साभार – आस्था टीवी