Bageshwar Sarkar का बड़ा कदम – कैंसर अस्तपाल की नींव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रखी
बाबा बागेश्वर धाम एक महत्वपूर्ण परियोजना की शुरुआत करने जा रहे हैं, जिसमें सिद्ध तीर्थ बागेश्वर धाम में कैंसर अस्पताल की आधारशिला रखी जाएगी। यह अस्पताल बुंदेलखंड क्षेत्र के गरीब कैंसर मरीजों के लिए वरदान साबित होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 23 फरवरी को इस अस्पताल की नींव रखेंगे, जो 252 करोड़ रुपये की लागत से बनेगा।
यह अस्पताल 2.37 लाख वर्ग फीट में फैला होगा, और इसके आसपास के सात जिलों के मरीजों को कैंसर और अन्य सामान्य बीमारियों के इलाज की सुविधा मिलेगी। अस्पताल का डिज़ाइन स्मार्ट बिल्डिंग तकनीक और ग्रीन रूफ के साथ तैयार किया गया है, जो संभवतः मध्य प्रदेश का पहला इस प्रकार का अस्पताल होगा।
इसमें 10 सिंगल बेड, 20 डबल बेड, 50 मल्टी स्पेशियलिटी बेड, 20 आईसीयू/बीएमटी बेड और 30 डे केयर बेड होंगे। इस बिल्डिंग में प्राकृतिक रौशनी का ध्यान रखा जाएगा और शोर कम से कम होगा। इसकी संरचना पिरामिड जैसी होगी, जिसमें ग्राउंड फ्लोर का क्षेत्रफल 4124 वर्ग मीटर होगा, जबकि शीर्ष पर 816 वर्ग मीटर का क्षेत्र रहेगा।
अस्पताल में आधुनिक सुविधाओं के साथ अन्नपूर्णा किचन, वैदिक गुरुकुल और बागेश्वर बगीचा भी होगा, ताकि मरीजों को सकारात्मक ऊर्जा मिल सके। यहां एक मेडिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट भी संचालित किया जाएगा। अस्पताल का डिज़ाइन इस तरह से किया गया है कि वह कम ऊर्जा खर्च में अधिक प्रभावी साबित हो।
कैंसर के उपचार और क्रिटिकल केयर के साथ-साथ योग, स्ट्रेस मैनेजमेंट, मेडिटेशन और डाइटिशियन की सुविधाएं भी अस्पताल परिसर में उपलब्ध होंगी। सर्जरी के लिए 5 ऑपरेटिंग रूम, 1 एंडोस्कोपी, 1 माइनर ओटी और 1 मोबाइल कैथ लैब होगी।
इसके अलावा, 26 फरवरी को बुंदेलखंड के महाकुंभ के तहत बागेश्वर धाम में 251 कन्याओं का विवाह भी संपन्न होगा। इस महाकुंभ में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू बेटियों को आशीर्वाद देने के लिए उपस्थित रहेंगी। इस आयोजन की भव्य तैयारियां की जा रही हैं, जिसमें 50,000 स्क्वायर फीट का स्थाई डोम, 3 लाख वर्ग फीट में टेंट और 15 एकड़ में मण्डप का निर्माण किया जा रहा है। भण्डारे की विशेष व्यवस्था की जा रही है और मंच का तीन स्तरों में विभाजन किया गया है, जिसमें सबसे ऊपर अतिथि और संत गण मौजूद रहेंगे। सड़क के दोनों ओर भव्य सजावट की गई है और पूरा बागेश्वर धाम दूधिया रोशनी से चमक रहा है।
- Religion World Bureau