बैसाखी सिखों का पवित्र त्योहार है। बैसाखी पर सिखों के 10वें गुरु गुरु गोविंद सिंह ने खालसा पंथ की स्थापना की थी। बैसाखी के समय विशाखा नक्षत्र होता है, यही वजह है कि इस महीने को बैसाख कहते हैं।
इस दिन सूर्य मेष राशि में प्रवेश करता है इसलिए इसे मेष संक्रांति भी कहते हैं। यह पर्व कृषि से भी जुड़ा है क्योंकि इसे रबी की फसल पकने के मौके पर मनाया जाता है।
इस दिन गुरुद्वारों में विशेष भजन कीर्तन होते हैं। लेकिन इस बार कोरोना वायरस लॉकडाउन के कारण सभी धार्मिक स्थल बंद हैं। ऐसे में इस पर्व को सभी घर में मनाएं।
दान पुण्य का शुभ मुहूर्त
बैसाखी पर दान पुण्य का शुभ मुहूर्त दोपहर 1 बजकर 59 मिनट से लग जाएगा. इसके बाद किए गए दान का फल कई गुना बढ़ जाएगा. यह शुभ मुहूर्त 14 अप्रैल को सूर्योदय होने तक रहेगा.
पद्म पुराण में इस दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व बताया गया है. लेकिन इस बार चूंकि कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन लगा है तो आपने यदि घर में गंगाजल स्टोर किया है तो उसे ही स्नान के पानी में मिलाकर उससे स्नान कर सकते हैं .
यदि ऐसा नहीं हो पाता तो सादे पानी से भी स्नान किया जा सकता है. मन में शुद्धता बारकरार रहनी चाहिए.
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कैसे करें दान पुण्य
आज मेष संक्रांति और बैशाखी दोनों हैं. हिंदू धर्म में दान पुण्य का काफी महत्व बताया गया है. इस दिन दान करने से आप कई गुना पुण्य फल हासिल कर सकते हैं.
लेकिन लॉकडाउन की वजह से दान-पुण्य करना संभव नहीं है ऐसे में आप ऑनलाइन माध्यम से जरूरतमंद लोगों के नाम से सहायता राशी का दान कर सकते हैं या किसी एनजीओ के माध्यम से आटा, दाल, चीनी और रोजमर्रा की चीजें दान कर सकते हैं.
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