परमार्थ निकेतन द्वारा लद्दाख में बॉयो टाॅयलेट का लोकार्पण
- लद्दाख की धरती पर श्री अटल जी की स्मृति में एक फलदार पौधे का रोपण कर अटल सम्मान और स्मृति वाटिका निर्माण का लिया संकल्प
- विभिन्न धर्माें के धर्मगुरू, सेना के जनरल और अधिकारी, वैज्ञानिक, पर्यावरणविदों ने किया सहभाग
- ब्रह्मलीन श्री अटल बिहारी वाजपेजी जी को अर्पित की श्रद्धाजंलि
- सैनिटेशन और मैडिटेशन चले साथ-साथ-स्वामी चिदानन्द सरस्वती
- छोटे-छोटे गरीब और अनाथ बच्चों ने किया बायो टाॅयलेट का उद्घाटन
- बच्चों ने शौचालय के प्रयोग और उसे स्वच्छ रखने का लिया संकल्प
ऋषिकेश, लद्दाख, 22 अगस्त। लद्दाख में परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज, अखिल भारतीय इमाम संगठन के मुख्य इमाम, डाॅ इमाम उमर अहमद इलियासी साहब, महाबोधि मेडिटेशन सेन्टर के प्रमुख श्री भिक्खू संघसेना जी, जीवा की अन्तर्राष्ट्रीय महासचिव साध्वी भगवती सरस्वती जी, डाॅ वन्दना शिवा, केन्द्रीय अल्पसंख्यक आयोग की सदस्य श्रीमती सुलेखा कुम्भारे जी, सेना के अधिकारी मेजर जनरल यश मोर, जनरल आॅफिसर कमांडिंग, लेह सब ऐरिया, कर्नल एस के शर्मा, कमांडर, लद्दाख स्काउट्स रेजिमेंटल सेंटर, लेह, ब्रिगेड सोढ़ी, स्टेशन कमांडर लेह की उपस्थिति में आयोजित कार्यक्रम में क्षेत्र के गरीब और अनाथ बच्चों के लिये नवनिर्मित अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त बायो टाॅयलेट का आज लोकार्पण किया गया। यह शौचालय डी आर डी ओ की तकनीकी पर आधारित है। अपने लिये स्वच्छ और प्रदूषण रहित बायो टाॅयलेट पाकर उस क्षेत्र के बच्चे अत्यधिक उत्साहित थे।
बच्चों ने परमार्थ निकेतन के स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज के साथ भारत माता की जय, देश की रक्षा कौन करेगा, हम करेंगे, हम करेंगे तथा शौचालय स्वच्छ कौन रखेगा हम रखेंगे हम रखेंगे के नारे लगाये उपस्थित लोगों ने कहा कि ये बच्चे केवल शौचालय ही नहीं बल्कि पूरे लद्दाख और पूरे भारत के लिये हम प्रेरणा के स्रोत बनेगे। इस दौरान बच्चों को स्वास्थ्य और शौचालय का सम्बंध तथा स्वच्छ शौचालय का महत्व समझाया गया। स्वामी जी महाराज ने कहा कि छोेटे बच्चों के अन्दर बचपन से ही जैसे भाव भरे जायेंगे वे उसी तरह के भावी नागरिक बनकर उभरेंगे। बच्चों का उत्साह देखकर वहां उपस्थित सभी आनन्दित हो उठे।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी के नेतृत्व में जम्मू कश्मीर, लद्दाख, की धरती पर अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त बायो टाॅयलेट का लोकार्पण किया ताकि कश्मीर से कन्याकुमारी तक कोई भी खुले में शौच न जाये तथा भारत जल्दी ही खुले में शौच से मुक्त भारत बने यह संकल्प स्वामी जी ने सभी को कराया। उन्होने बताया कि खुले में शौच से अनेक बीमारियां होती है और जहां भी गन्दगी होती है उसका सबसे अधिक असर उस स्थान पर रहने वाले लोगों के स्वास्थ्य पर ही सबसे अधिक पड़ता है। गन्दगी युक्त वातावरण में हम स्वस्थ समाज का निर्माण नहीं कर सकते, स्वस्थ समाज से ही सशक्त राष्ट्र का निर्माण हो सकता है इसलिये इन बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
पिछली लद्दाख की यात्रा के दौरान परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती के पावन सान्निध्य में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री डाॅ हर्षवर्धन, केन्द्रीय ग्रामीण विकास, पंचायतीराज मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर जी, विभिन्न धर्मो के धर्मगुरू एवं अन्य अतिथियों की पावन उपस्थिति में बायो टाॅयलेट का भूमिपूजन किया गया था। आज वृहद स्तर पर बने इस बायो टाॅयलेट का लोकार्पण किया गया।
स्वामी जी ने बताया कि लद्दाख की ऊचाईयों से ब्रह्मलीन पूर्व प्रधानमंत्री, भारत रत्न, महान राजनीतिज्ञ, दार्शनिक और हजारों भारतीयों के प्रेरणा स्रोत श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी को मौन रखकर श्रद्धाजंलि अर्पित कि गयी साथ ही अटल जी की पावन स्मृति एवं सम्मान में लद्दाख की धरती पर हिमालय की लगभग 11,500 मीटर की ऊचाँई पर एक फलदार पौधे का रोपण कर अटल सम्मान और स्मृति वाटिका के निर्माण का संकल्प लिया गया आगे उसमें सेव, पाॅपुलर, ऐप्रीकाॅट आदि पौधों का रोपण किया जायेगा। यह वाटिका लद्दाख आने वालों पर्यटकों को हरियाली संवर्धन एवं खुशहाली का संदेश देगी। साथ ही हिमालय की उन ऊचांईयों पर भी अटल जी की स्मृति और सम्मान सदैव बना रहेगा।
इस अवसर पर अखिल भारतीय इमाम संगठन के मुख्य इमाम, डाॅ इमाम उमर अहमद इलियासी साहब, महाबोधि मेडिटेशन सेन्टर के प्रमुख श्री भिक्खु संघसेना जी, जीवा की अन्तर्राष्ट्रीय महासचिव साध्वी भगवती सरस्वती जी, पर्यावरणविद् डाॅ वन्दना शिवा, डी आर डी ओ लद्दाख के निदेशक डाॅ ओ पी चैरसिया जी, केन्द्रीय अल्पसंख्यक आयोग की सदस्य श्रीमती सुलेखा कुम्भारे जी, मेजर जनरल यश मोर, जनरल आॅफिसर कमांडिंग, लेह सब ऐरिया, कर्नल एस के शर्मा, कमांडर, लद्दाख स्काउट्स रेजिमेंटल सेंटर, लेह, ब्रिगेड सोढ़ी, स्टेशन कमांडर लेह, सुश्री गंगा नन्दिनी त्रिपाठी, आचार्य दीपक शर्मा अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।