जीवन को श्रेष्ठ बनाने के लिए संकल्प को श्रेष्ठ बनाना होगा – BK Shivani
नोएडा, 16 दिसम्बरः जैसा सोचेगे वैसा बन जायेगे, ज्ञान से सोच बदलती, सोच से शब्द बदलते है और शब्द बदलने से हमारी सृष्टि अर्थात आसपास वैसा बन जाता जैसा हमने सोचा है। हमारे जीवन का बीज है हमारे संकल्प इसलिए जीवन को श्रेष्ठ बनाने के लिए सुबह उठते ही अपने को शान्त स्वरूप आत्मा समझना है और सामने वाले शान्त स्वरूप आत्मा है, क्योंकि शान्ति जीवन में चाहते है। यह बात सुप्रसिद्ध प्रेरणादायी वक्ता बी.के.शिवानी द्वारा मैजिक ऑफ मेडिटेशन विषय पर अपने वक्तव्य में ब्रह्माकुमारी संस्था द्वारा ग्रेटर नौएडा के शहीद विजय सिंह पथिक खेल परिसर में आयोजित योगा और कल्याण मेला में कहीं।
उन्होंने कहा कि मेडिटेशन अर्थात जो हम संकल्प करेगें उसका चित्र अपने मन में बनायें इसलिए मैं शान्त स्वरूप आत्मा हूँ, शान्ति के सागर परमात्मा की सन्तान हूँ और जो मैं हूँ वो मेरे स्वभाव और कर्म में आता जायेगा, ये है मेडिटेशन का मैजिक। इसी प्रकार स्वयं को आत्मा और उसके सतोगुण सुख, शान्ति, प्रेम, आनन्द, शाक्ति, ज्ञान, पवित्रता का स्वरूप समझना है उसका चित्र बनाना है तो हमारा जीवन गुणो से भरपूर हो जायेगा।
हमारे संकल्प न केवल हमारे मन बल्कि, हमारे शरीर, परिवार, समाज, सांस्कृति, प्रकृति को प्रभावित करते हैं इसलिए संकल्प शुद्ध, श्रेष्ठ और शुभ होने चाहिए क्योंकि संकल्प हमारी रचना है हम इसे बदल सकते हैं दूसरे को नहीं बदल सकते। परिस्थिति नहीं बदल सकते मन की स्थिति स्थिर रख सकते हैं, शान्ति मेरा संस्कार है।
उन्होंने आगे कहा कि वास्तव में जीवन भाग दौड़ की नहीं बल्कि मन भाग दौड़ कर रहा है, इसलिए मन को शान्त बनाना होगा इसके लिऐ प्रतिदिन सुबह परमात्म ज्ञान और परमात्मा से सम्बन्ध अर्थात परमात्मा जो शान्ति का सागर है उससे शान्ति हमारे अन्दर आ रही है उसका चित्र बनाना यही योग है उसे करना।
उन्होंने कहा मेरा घर स्वर्ग है, मेरे रिश्ते मधुर, मेरे बच्चे आज्ञाकारी, मेरा सब कुछ अच्छा है यही संकल्प हमारे जीवन को जैसा संकल्प कर रहे है वैसा ही बना देगा। जो दिख रहा है वो संकल्प नहीं करना है वो संकल्प करना चाहिए जो चाहते हैं। बच्चे जिद़दी नहीं आज्ञाकारी, घर नर्क नहीं स्वर्ग।
इससे पूर्व मेले में सुबह 7.30 से 9.30 बजे तक ब्रह्माकुमारी संस्था के दिल्ली एन.सी.आर. सेवाकेन्द्रों के लगभग 5000 लोगों ने विश्व शान्ति और प्रकति को सुखदायी बनाने के लिए अपने शुभ संकल्पों के माध्यम से संगठित रूप से मेडिटेशन किया।