देश के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है। केन्द्र सरकार की स्वच्छता की मुहिम में ये नया पड़ाव है। बात राजस्थान से निकली है, और इसका असर दूर तलक जाएगा। हमारी आपकी जिंदगी में जितनी जरूरत यात्रा की है, उतनी ही जरूरत रेलवे स्टेशन की भी है। देश की आबादी के हिसाब से ट्रेनें भले ही कम हो, पर रेलवे स्टेशनों पर भीड़ सदैव रहती है। देश में करीब 8500 रेलवे स्टेशन हैं, और उनकी देखरेख और साफ सफाई की जिम्मा भारत सरकार के रेल मंत्रालय के पास है।
जरुर पढ़ें – आध्यात्मिकता की राह पर तीन सौ युवा बहनें, समर्पण समारोह में अभिभावक भी उपस्थित
कहते हैं मन की सफाई के लिए आध्यात्म की पाठशाला में आना पड़ता है। राजस्थान में फैली अरावली पहाड़ियों की श्रंख्ला में सबसे ऊंची पहाड़ी है आबू पर्वत। यह सदियों से तपस्वियों की साधना स्थली रहा है। इसी खास जगह आज से कई दशकों पहले ब्रह्मकुमारीज संस्था ने आध्यात्मिक उत्थान का कार्य शुरू किया। आज आबू रोड़ में आने वाली एक बहुत बड़ी आबादी ब्रह्मकुमारीज और इसके सुरम्य वातावरण की वजह से आती है।
अगली बार जब आप आबू रोड़ आएंगे तो देखेंगे कि रेलवे स्टेशन पर जो भी साफ सफाई दिख रही है, वो एक खास वजह से है। रेलवे ने पहली बार ब्रह्मकुमारीज परिवार की मांग पर आबू रोड़ स्टेशन की साफ सफाई का जिम्मा उन्हें दे दिया है। ब्रह्मकुमारीज मशीनों के जरिए स्टेशन की सफाई करेगा।
इस खास शुरूआत को लेकर ब्रह्मकुमारीज परिवार उत्साहित है। रिलीजन वर्ल्ड ने ब्रह्मकुमारीज के वरिष्ठ सदस्य बीके करुणा जी से बात की और जानना चाहा कि कैसे रेलवे इसके लिए तैयार हुई। उन्होनें बताया कि, “आबू रोड़ बड़ा स्टेशन है, यहां शेड भी है। भारत सरकार ने स्वच्छता अभियान शुरू किया तो ब्रह्माकुमारीज की दादी जानकी जी को ब्रांड एंबैसेडर बनाया तो हमनें सोचा कि स्वच्छता अभियान की शुरुआत घर से ही करनी चाहिए।हमनें आबू रोड शहर को साफ-सुथरा किया। हमारे हजारों लोग रोज रेलवे स्टेशन से आते हैं, इसलिए उसकी सफाई जरूरी थी, हमनें इसकी बात की तो रेलवे के कान्ट्रेक्ट सिस्टम की वजह से कुछ दिक्कते आ रही थी। पार्किंग का कॉन्ट्रेक्ट रेलवे किसी बाहरी को देती है, इसलिए हमनें स्टेशन के बगल में पड़ी जमीन पर इंफ्रास्टक्चर बनाकर पिक एंड ड्राप की सुविधा तैयार की और उसकी साफ सफाई से शुरूआत की। फिर अब हमनें पांच साल के लिए स्टेशन प्लेटफार्म और पूरा परिसर सफाई की करार कर लिया है। इसमें स्टेशन के डेकोरेशन की भी बात है।”
रेलवे कि इस शुरुआत का स्वागत किया जाना चाहिए कि वो आध्यात्मिक और सामाजिक संगठनों को अपने साथ लेकर आम जनता को सुविधाएं देने की सोच के साथ आगे बढ़ रही है। उत्तर पश्चिम रेलवे ने इस पहल के लिए कहा कि, “यह भारतीय रेलवे द्वारा उठाई गयी अपनी तरह की अनूठी पहल है जहां एक आध्यात्मिक संगठन ने‘ स्वच्छ भारत ग्रीन इंडिया ‘के तत्वावधान में एक स्टेशन की सफाई का जिम्मा लिया है। इस कदम ने भारतीय रेलवे में एक मिसाल कायम की है की निजी संगठन भी अपनी भावनात्मक व सामाजिक जिम्मेदारिओं के अन्तर्गत स्टेशनों के विकास में अपना योगदान दे सकते है।” रेलवे ने ये भी साफ किया की इससे रेलवे को भारी आर्थिक बचत होगी, जो ब्रह्मकुमारीज द्वारा वहन किया जाएगा। प्रेस रिलीज में कहा गया कि, “इस पहल से भारतीय रेलवे को 6.20 लाख रुपये प्रति माह व 3.72 करोड़ की राशि 05 वर्ष (एमओयू अवधि) के दौरान राजस्व में बचत करने में मदद मिलेगी।”
उत्तर पश्चिम रेलने ने इस खास शुरूआत के लिए बाकायदा एक प्रेस विज्ञप्ति निकाली और इस अनूठी पहल की सूचना दी।
पढिए – प्रेस विज्ञप्ति उत्तर पश्चिम रेलवे – press-release-hindi-15.7