29 मार्च 2019 को बृहस्पति के राशि परिवर्तन का क्या होगा राशियों पर प्रभाव ?
समस्त ग्रहों में सबसे शुभ ग्रह यदि किसी को माना जाता है तो वह है बृहस्पति यानी गुरु, किसी व्यक्ति की जन्मकुंडली में गुरु का शुभ स्थिति में बलवान होना यह दर्शाता है कि वह व्यक्ति सम्मानित, समझदार, धार्मिक प्रवृत्ति वाला, सात्विक, परोपकारी, सदाचारी, जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में तरक्की करने वाला होगा।
देवगुरु बृहस्पति 29 मार्च 2019 को धनु राशि में प्रवेश करेंगे। 10 अप्रैल 2019 से वक्री होकर 22 अप्रैल 2019 को वापस वृश्चिक राशि में लौटेंगे, जहां से 11 अगस्त 2019 को मार्गी होकर 5 नवंबर 2019 को वृश्चिक राशि छोड़कर धनु राशि मे प्रवेश करेंगे।
इस गोचर के दौरान देव गुरु वृहस्पति 10 अप्रैल 2019 से 11 अगस्त 2019 के बीच वक्री अवस्था में होंगे जिसके प्रभाव से प्राकृतिक आपदाएं तथा आतंकवाद का प्रभाव बढ़ेगा। इस कारण इनके सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव में प्रत्यक्ष रूप से देखने को मिलेंगे। वर्ष 2019 में बृहस्पति का गोचर वृश्चिक से धनु, फिर धनु से वृश्चिक और साल के अंत में धनु राशि में होगा। 30 मार्च 2019 को बृहस्पति वृश्चिक से धनु राशि में प्रवेश करेंगे और 22 अप्रैल 2019 को वक्री गति करते हुए पुन: धनु से वृश्चिक में पहुंच जाएंगे। इसके बाद 5 नवंबर 2019 तक वक्री रहने के बाद मार्गी होकर धनु राशि में प्रवेश कर जाएंगे। वर्ष 2019 में बृहस्पति के वृश्चिक-धनु-वृश्चिक-धनु में गोचर से विभिन्न् राशियों पर कई तरह के प्रभाव देखने को मिलेंगे।
गुरु (बृहस्पति) 29 मार्च 2019 को धनु राशि में प्रवेश करेंगे। गुरू वृश्चिक राशि से अब धनु में गोचर करेंगे। देव गुरु बृहस्पति 10 अप्रैल 2019 को वक्री होंगे। 22 अप्रैल 2019 को वक्री अवस्था में एक बार फिर से वृश्चिक राशि में प्रवेश करेंगे। इस पूरे समय वृश्चिक में ही रहेंगे उसके बाद 11 अगस्त 2019 को मार्गी होंगे। 5 नवम्बर 2019 को प्रात:काल 05:16 मिनिट पर धनु में प्रवेश करेंगे और संवत के अंत तक धनु राशि में ही गोचरस्थ होंगे।
ज्योतिषाचार्य पण्डित दयानन्द शास्त्री बताते है कि गुरु ग्रह का गोचर जातक को सफलता,भाग्य की उन्नति,धन की प्राप्ति तथा सांसारिक सुख प्रदान करता है। इसके उचित रूप से शुभ परिणाम पाने के लिए जातक को बहुत ज्यादा मेहनत के साथ साथ दूसरों को सम्मान देते हुये लक्ष्य निर्धारित करके ईश्वर पर आस्था रखनी चाहिए।गुरु ग्रह का स्वभाव ज्ञानी महात्मा के समान होता है। इनका मंगल की वृश्चिक राशि में प्रवेश गुप्तता लिए हुए होगा, क्योंकि गुरु जहां बहुमुखी तथा विस्तार करना पसंद करते हैं । गुरु भाग्योदय कारक ग्रह है। इसके उलट यदि किसी के लिए गुरु खराब अवस्था में है तो उस जातक के जीवन में दूसरे ग्रह भी उतना प्रभाव नहीं दिखा पाते। बृहस्पति सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह है जो सूर्य का एक चक्कर 12 वर्षों में पूरा करता है। इस दौरान यह प्रत्येक राशि में लगभग एक वर्ष तक भ्रमण करता है।
प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित दयानन्द शास्त्री ने बताया कि जब भी बृहस्पति किसी की कुंडली में शुभ अवस्था में होता है तो ऐसा जातक धार्मिक व आध्यात्मिक जगत से जुड़ा हुआ होता है। इस गुरु ग्रह की पांचवीं, सातवीं तथा नवीं दृष्टि जिस भाव पर भी पड़ती है उस भाव से संबंधित बहुत ही अच्छे फल जातक को मिलते हैं । गुरु ग्रह को धनु व मीन राशि का स्वामित्व प्राप्त है। यह कर्क राशि में उच्च भाव और मकर राशि में नीच भाव में रहता है। कुंडली में बृहस्पति के बलवान होने पर जातक का परिवार, समाज और हर क्षेत्र में प्रभाव रहता है। बृहस्पति के प्रभाव से जातक का मन धर्म एवं आध्यात्मिक कार्यों में अधिक लगता है। इसके अलावा जातक को करियर में उन्नति, स्वास्थ्य लाभ, मजबूत आर्थिक स्थिति, विवाह एवं संतानोत्पत्ति जैसे शुभ फल प्राप्त होते हैं।
भारतीय वैदिक ज्योतिष में बृहस्पति अथवा गुरु ग्रह का एक राशि से दूसरी राशि में परिवर्तन बहुत ही प्रभावशाली माना जाता है। नवग्रहों मे बृहस्पति शुभ ग्रह माने जाते हैं तथा इन्हें देवताओं का गुरु माना जाता है जिस कारण हमारी धरती पर यह आशावाद,उन्नति,महानता तथा ज्ञान का प्रतीक माने जाते हैं।
पण्डित दयानन्द शास्त्री के अनुसार जब भी बृहस्पति किसी की कुंडली में शुभ अवस्था में होता है तो ऐसा जातक धार्मिक एवं आध्यात्मिक जगत से जुड़ा हुआ होता है। इस गुरु ग्रह की पांचवीं,सातवीं तथा नवीं दृष्टि जिस भाव पर भी पड़ती है उस भाव से संबंधित बहुत ही अच्छे फल जातक को मिलते हैं। यह बृहस्पति जब चंद्र राशि से 2,5, 7, 9 और 11 वें भाव में होते हैं तो यह बड़े शुभ माने जाते हैं।
वैदिक ज्योतिष में सामान्यत: यह माना जाता हैं कि जिन राशियों को बृहस्पति अथवा गुरु देखते हैं उन राशियों को बहुत शुभता प्रदान करते हैं जबकि जिस राशि अथवा भाव मे यह बैठते हैं उस के फल को यह कुछ न कुछ खराब कर देते हैं। कुंडली में मजबूत बृहस्पति का होना जातक के जीवन के कई क्षेत्रों को प्रभावित करता है।
पण्डित दयानन्द शास्त्री के मुताबिक गुरु के कालखंड में वक्रीय तथा मार्गीय गति के कारण व्यापार-व्यवसाय की गति बढ़ेगी और बाजार में बृहस्पति का प्रभाव नजर आएगा। सोने,तांबे में तेजी का अनुमान है। गुरु परिभ्रमण के दौरान लाल वस्तुओं के कारोबार में तेजी रहेगी। घी, तेल, सरसों व सोयाबीन में तेजी-मंदी का वातावरण रहेगा। राजनीति के दृष्टिकोण से परिवर्तन के योग बनेंगे और राजनीति अस्थिरता सत्ता परिवर्तन कर सकती है। मंगल के घर में गुरु का गोचर प्रॉपर्टी रियल एस्टेट में उतार चढ़ाव रहेगा।
क्या इस परिवर्तन से 2019 के चुनावों में कांग्रेस को होगा लाभ ?
कांग्रेस के लग्न चार्ट का आधार मीन है और यह बृहस्पति द्वारा शासित है। दसवें भाव को आम तौर पर हाउस ऑफ स्टेटस के रूप में जाना जाता है। यह अधिकार को दर्शाता है। धनु राशि कांग्रेस की कुंडली के 10 वें भाव में है। 10 वें भाव के माध्यम से बृहस्पति का पारगमन विस्तार, सफलता और सम्मान को इंगित करता है। चूंकि बृहस्पति के पास 1 और 10 वां भाव है, जो कांग्रेस के पक्ष में जा सकता है। बृहस्पति 30 मार्च और 22 अप्रैल के बीच धनु राशि में रहेगा। आने वाले लोकसभा चुनाव इसी अवधि में संभावित हैं। हालांकि 11 अप्रेल के बाद बृहस्पति का पारगमन धीरे-धीरे प्रतिकूल होता जाएगा, जो नुकसानदायक साबित हो सकता है। इस पारगमन का असर प्रमुख राजनीतिक दलों के प्रदर्शन का अाकलन करने के लिए बेहद महत्वपूर्ण होगा।
इस आंकलन के आधार पर अब इस बात में कोई संदेह नहीं है कि धनु राशि में बृहस्पति का पारगमन कांग्रेस की मदद करेगा और जीत की संभावनाओं को मजबूत करेगा। लेकिन, क्या यह वापसी सत्ता प्राप्ति की दिशा में अत्याधिक मजबूत भी होगी? यह कई अन्य कारकों पर निर्भर करेगा और परिणाम चुनाव की समयावधि पर निर्भर करेगा। यदि आगामी चुनाव 30 मार्च और 22 अप्रेल के बीच की अवधि में होते हैं, तो 11 अप्रैल 2019 तक बृहस्पति का पारगमन कांग्रेस के पक्ष में होगा। लेकिन, बृहस्पति की प्रतिकूल चाल 11 अप्रैल के बाद वांछित परिणाम नहीं लाएगी।
जानिए धनु राशि में गुरु के गोचर का विभिन्न राशियों पर प्रभाव
बृहस्पति ग्रह 29 मार्च 2019, शनिवार को रात्रि 3 बजकर 11 मिनट पर धनु राशि में प्रवेश करेगा। 22 अप्रैल 2019, सोमवार को शाम 5 बजकर 55 मिनट पर यह पुन: वृश्चिक राशि में गोचर करेगा और 5 नवंबर 2019, मंगलवार को सुबह 6 बजकर 42 मिनट पर धनु राशि में लौट आएगा। गुरु के इस राशि परिवर्तन का असर सभी 12 राशियों पर होगा। आइये जानते हैं विभिन्न राशियों पर होने वाले गुरु गोचर का राशिफल
मेष राशि पर प्रभाव
गुरु का भाग्य भाव में गोचर होने पर आपको कार्यों में सफलता प्राप्ती होने की संभावना रहेगी. आप अपने मनोकूल कुछ कार्य भी कर पाएंगे. आप इस समय कोई यात्रा भी कर सकते हैं मुख्य रुप से धार्मिक स्थलों की यात्रा करने के अवसर भी प्राप्त हो सकते हैं. आर्थिक क्षेत्र में लाभ तो प्राप्त होगा ही, परंतु साथ ही खर्च में भी वृद्धि के योग दिखाई देते हैं. किसी प्रकार के वाहन एवं वस्त्र की प्राप्ति होगी. संतान संबंधी सुख भी मिल सकता है.
वृषभ राशि पर प्रभाव
वृषभ राशि वालों के लिए गुरु का अष्टम भाव में गोचर होने से थोड़ी परेशानियां रह सकती हैं. कुछ कार्यों में विलम्ब की स्थिति भी प्रभावित कर सकती है. संघर्ष अधिक रहेगा तभी कुछ थोड़ा बहुत लाभ भी मिल पाएगा. अगर लापरवाही करते है तो परेशानी झेलनी पड़ेगी. आप इस समय कुछ व्यर्थ की उलझनों में उलझे होंगे. परिवार की बातों ओर काम काज के दबाव के चलते मानसिक रुप से तनाव रहने वाला है. आपके लिए जरूरी है की स्वयं को अधिक दबाव में नहीं आनें दें और स्थिति के अनुरुप काम करते रहें. कुछ पैतृक संपत्ति से जुड़े लाभ मिल सकते हैं. जो छात्र अपने प्रोजेक्ट कर रहे थे उन्हें कुछ बेहतर परिणाम भी मिल सकते हैं.
मिथुन राशि पर प्रभाव
आपके लिए गुरू सातवें भाव में गोचरस्थ हो रहें है. आपके लिए किसी नए काम की शुरुआत का मौका बनता है. मित्रों के सहयोग एवं अपने किसी करीबी की सहायता से आपके अटके हुए काम पूरे होने की उम्मीद दिखाई देगी. विवाह इत्यादि का योग भी दिखाई देता है. संघर्ष की स्थिति प्रभावित करने वाली रहेगी. आय के क्षेत्र में आपके लिए प्रयास अधिक रहने वाले हैं. भागदौड़ अधिक रहने वाली है.
कर्क राशि पर प्रभाव
यह समय आपके लिए संघर्ष और प्रतियोगिताओं वाला होगा. धनार्जन कम होगा और खर्च अधिक होने वाला है. इस समय आप को कुछ रोग अधिक परेशान कर सकते हैं. अचानक से ही आपसी रिश्तों में अनबन की स्थिति उभर सकती है. मन में परेशानी अधिक रह सकती है. आपके विरोधी आप पर दबाव बढ़ा सकते हैं.
सिंह राशि पर प्रभाव
आपके लिए गुरु का गोचर शुभ फलों को देने वाला होगा. शिक्षा के क्षेत्र में आप अच्छा कर सकने में सक्षम होंगे. विद्यार्थियों के लिए बेहतर मौके उभरेंगे. बच्चों से संबंधित सुख की प्राप्ति हो सकती है. वाहन इत्यादि का सुख भी प्राप्त हो सकता है. आप किसी यात्रा पर जा सकते हैं. वित्तिय लाभ की उम्मीद भी बंधती दिखाई देती है.
कन्या राशि पर प्रभाव
घर पर किसी नए सदस्य का आगमन हो सकता है. साथ ही वस्त्र आभूषण इत्यादि की प्राप्ति भी हो सकती है. संघर्ष बने रहेंगे और परिवार में कुछ बदलाव होने की संभावना भी बनी हुई है. सुख की कमी होने से आप घर से दूरी बना सकते हैं और अधिकांश समय अपने में ही सीमित से रह सकते हैं. खर्चों की अधिकता के कारण आपके मन चिंता अधिक रहने वाली है, पर किसी न किसी रुप में खर्च पूरे होते रहेंगे.
तुला राशि पर प्रभाव
तुला राशि के तीसरे भाव गुरु का गोचर होने पर आय कम और खर्च अधिक रहेंगे. भाई बहनों की ओर से कुछ बदलाव होंगे. आपकी मेहनत में भी वृद्धि होगी. नौकरी में आपकी योजनाएं सामने आएंगी साथ ही आपको उन्नती के मौके भी मिलेंगे. आप थोड़े सकारात्मक होकर काम करेंगे. नई योजनाओं को एक बार पुन: सामने लाने का मन बना सकते हैं. मानसिक रुप से चीजों को लेकर एक पक्ष उभर नहीं पाए. दो विचारधाराएं बनी रहने वाली हैं. आप लगातार कुछ चिजों को लेकर काम में व्यस्त रहने वाले हैं.
वृश्चिक राशि पर प्रभाव
धन लाभ के मौके बनेंगे और आपको मित्रों की ओर से मदद भी मिलेगी. आपके पूर्व में जो अपने योजनाएं बनाई हुई थीं उन्हें इस समय पर आप पूरा कर पाएंगे. धार्मिक कार्यों में भी इस समय पर आप धन व्यय कर सकते हैं और साथ ही धार्मिक क्षेत्र में रुझान भी बढ़ सकता है. किसी के प्रति आपके मन में प्रेम संबंधों को नई दिशा भी मिल सकती है. कुछ आवश्यक कार्यों के लिए लम्बी दूरी की यात्राओं पर जा सकते हैं. परिवार में कुछ बातों को लेकर मतभेद बढ़ सकते हैं जिसके कारण आप कुछ समय के लिए मानसिक तनाव से गुज़र सकते हैं पर जल्द ही स्थिति सुधरेगी.
धनु राशि पर प्रभाव
धनु राशि में ही साल 2019 में बृहस्पति का मुख्य गोचर होगा। इस राशि के लिए पहले भाव में बृहस्पति का गोचर सुखद भविष्य लेकर आ रहा है। लग्न स्थान में बृहस्पति का होगा अत्यंत शुभ साबित होगा। इस समय में आप यदि अपनी पूर्ण क्षमता से कार्य करेंगे तो आने वाला पूरा जीवन सुखद बीतेगा। वर्ष के दौरान आप अपने निर्णय ठीक प्रकार से लागू कर पाएंगे और उन पर स्वयं अमल करने के साथ ही दूसरों को भी अमल करवा पाएंगे। हालांकि निजी संबंधों के लिहाज से धनु राशि वालों के लिए यह समय ठीक नहीं रहेगा। अपने प्रियजनों के साथ विवाद होता रहेगा। प्रेम संबंधों के लिए भी साल 2019 उतार-चढ़ाव वाला रहेगा। वर्ष के मध्य के कुछ महीनों यानी जून से अगस्त के मध्य का समय आर्थिक मामलों के लिए उत्तम नहीं कहा जा सकता। इस दौरान ध्यान रखें कोई बड़ा निवेश करने से पहले परिवार के अनुभवी लोगों की सलाह अवश्य लें। जॉब के लिहाज से वर्ष ठीक रहेगा। प्रमोशन वेतनवृद्धि का लाभ उठाएंगे।
आपके समक्ष कुछ नई चीजों का कार्य होगा, मांगलिक कार्य भी संपन्न हो सकते हैं. आप के लिए भागदौड़ का समय भी है. धनार्जन के लिए संघर्ष रहेगा. आप अपने निर्णयों पर कुछ अधिक कठोर भी रह सकते हैं. स्वास्थ्य का ख्याल रखें, मानसिक चिंताओं में वृद्धि रह सकती है. इस दौरान आप मानसिक रूप से अधिक सोच विचार में लगे दिखाई देंगे. जीवन साथी के साथ मतभेद रह सकते हैं लेकिन कोशिस करें की इस मामले को अधिक नही बढ़ने दीजिए. अपनी भाषा शैली और व्यवहार पर नियंत्रण रखें और दूसरों की भावनाओं को भी समझने का प्रयास करें.
मकर राशि पर प्रभाव
आपके लिए इस समय गुरु का गोचर थोड़ा चिंता और भागदौड़ को बढा़ने वाला हो सकता है. ये समय आप दूसरों के कारण भी परेशानी में रह सकते हैं. स्वास्थ्य से संबंधी मामलों में चिकित्सक और अस्पताल के चक्कर भी लगाने पड़ सकते हैं. खर्चों में वृद्धि होगी. बाहरी संपर्क बनेंगे और उनसे कुछ लाभ भी मिल सकता है जो आपके खर्चों में कटौती कर पाए. संभावनाओं का दौर जारी रहने वाला है पर जल्द ही स्थिति में सुधार होगा. अभी बहुत जल्द कोई निर्णय नहीं लीजिए थोड़ा समय का इंतजार कीजिए.
कुम्भ राशि पर प्रभाव
आपके लिए समय थोड़ा अनुकूलता भरा रह सकता है. आपको किसी व्यक्ति विशेष की सहायता से लाभ भी हो सकता है. विद्या के क्षेत्र में भी आपको सफलता प्राप्त होगी और आप किसी अच्छे संस्थान में प्रवेश भी प्राप्त कर सकते हैं. आपको अपने भाई बहनों की ओर से भी कुछ सहयोग मिल सकता है, पर साथ ही उनकी ओर से कुछ मानसिक चिंता भी रह सकती है. आपके सामने इस समय कुछ ऎसे मौके भी आएंगे जब आपको मौका मिलेगा आप अपनी प्रतिभा को बेहतर ढंग से सामने रख पाएंगे.
मीन राशि पर प्रभाव
आपके लिए कार्य क्षेत्र में कुछ नए नियम और कुछ नए काम शामिल होंगे. इस समय आपका ध्यान काम काज की ओर अधिक रह सकता है. कुछ मामलों में आप अपने परिवार और काम के मामले में इतने व्यस्त रहेंगे जिसमें आप स्वयं के लिए समय नहीं निकाल पाएं. घर पर कुछ मांगलिक कार्य भी संपन्न हो सकते हैं. तनाव बना रहने वाला है. छोटे-मोटे रोग भी इस समय पर आप पर प्रभाव डाल सकते हैं. कार्यों में दूसरों की सलाह भी अवश्य सुनें और अपने सभी बातों पर विचार करते हुए आगे बढ़ें
इन उपाय से करें देव गुरु को प्रसन्न
पंडित दयानन्द शास्त्री ने बताया कि जातकों को गुरु की प्रसन्नता के लिए बृहस्पति स्त्रोत का पाठ करना चाहिए। बृहस्पति के वैदिक मंत्रों का जाप तथा बृहस्पति या शिव मंदिर में प्रत्येक गुरूवार को गुड़ चनाए, दाल, हल्दी गांठए, पीले पुष्प अर्पित करना चाहिए। वहीं इस दौरान माता.पिता व गुरु की सेवा करने के साथ दान पुण्य करना चाहिए। इसमें गरीबों को खाना व गायों को हरा चारा खिलाना चाहिए।
गणना और लेख – ज्योतिषाचार्य पंडित दयानन्द शास्त्री