चैत्र नवरात्रि 25 मार्च 2020 से शुरू हो रही है. नौ देवियों के आराधना के साथ इस व्रत से काफी नियम जुड़े है. इन्हीं नियमों में से अखंड ज्योति से जुड़े नियम.
नवरात्रि की अंखड ज्योति
नवरात्रि की अखंड ज्योति का बहुत महत्व होता है. आपने देखा होगा मंदिरों और घरों में नवरात्रि के दौरान दिन रात जलने वाली ज्योति जलाई जाती है. माना जाता है हर पूजा दीपक के बिना अधूरी है और ये ज्योति ज्ञान, प्रकाश, श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक होती है.
यह भी पढ़ें-चैत्र नवरात्र2020: जानिए घट स्थापना, शुभ मुहूर्त और व्रत नियम
अखंड ज्योति से जुड़े नियम
दीपक जलाने के लिए बड़े आकार का मिट्टी या पीतल का दीपक लें.
अखंड ज्योति का दीपक कभी खाली जमीन पर ना रखें.
इस दीपक को लकड़ी के पटरे या किसी चौकी पर रखें.
दीपक रखने से पहले उसमें रंगे हुए चावल डालें.
अखंड ज्योति की बाती रक्षा सूत्र से बनाई जाती है. इसके लिए सवा हाथ का रक्षा सूत्र लेकर उसे बाती की तरह बनाएं और फिर दीपक के बीचों-बीच रखें.
अब दीपक में घी डालें. अगर घी ना हो तो सरसों या तिल के तेल का इस्तेमाल भी कर सकते हैं.
मान्यता अनुसार अगर घी का दीपक जला रहे हैं तो उसे देवी मां के दाईं ओर रखना चाहिए.
दीपक जलाने से पहले गणेश भगवान, मां दुर्गा और भगवान शिव का ध्यान करें.
अगर किसी विशेष मनोकामना की पूर्ति के लिए यह अखंड ज्योति जला रहे हैं तो पहले हाथ जोड़कर उस कामना को मन में दोहराएं.
You can send your stories/happenings here: info@religionworld.in