परमार्थ निकेतन ने किया आह्वान ’आओ कुम्भ चले’
- परमार्थ निकेतन ने प्रस्थान किया कुम्भ के लिये
- ’आओ कुम्भ चले’ के संदेश के साथ स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कुम्भ में सहभाग हेतु सभी को किया आमंत्रित
- प्रयागराज कुम्भ की सफलता और सभी श्रद्धालुओं की कुशलता के लिये परमार्थ निकेतन में किया विशेष यज्ञ और प्रार्थना
- कुम्भ के माध्यम से पूरे विश्व को दिया जायेगा भारतीय संस्कृति का संदेश
- कुम्भ विभिन्न संस्कृतियों के मिलन का महासागर – स्वामी चिदानन्द सरस्वती
ऋषिकेश, 8 जनवरी। परमार्थ निकेतन ने आओ कुम्भ चले के दिव्य संदेश के साथ प्रयागराज कुम्भ के लिये प्रस्थान किया। परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज और जीवा की अन्तर्राष्ट्रीय महासचिव साध्वी भगवती सरस्वती जी ने आओ कुम्भ चले के संदेश के साथ सभी को कुम्भ में सहभाग करने हेतु आमंत्रित किया।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा कि कुम्भ वास्तव में एक धार्मिक आयोजन है इसके माध्यम से सम्पूर्ण जगत के समक्ष भारतीय संस्कृतिक आदर्श का प्रकाश प्रकाशित होता है; अध्यात्म, लोकमंगल, सर्वभूतहिते रताः, वसुधैव कुटुम्बकम् की भावना से विश्व कल्याण के लिये कार्य किये जाते है। यह आयोजन सांस्कृतिक उदारता और समन्वयशीलता का विशिष्ट उदाहरण प्रस्तुत करता है। कुम्भ मेला, मानवता और सार्वभौमिकता का संदेश प्रसारित करता है इस हेतु आओ कुम्भ चले।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा कि कुम्भ संस्कृतियों के मिलन का महासागर है जिसमें कहीं पर गीता का संदेश प्रसारित किया जाता है तो कहीं पर रामायण, कहीं पर ध्यान और योग तो कहीं सभ्यता और संस्कृति का संदेश, कहीं स्वच्छता और पर्यावरण का संदेश तो कहीं शान्ति और समरसता पर उद्बोधन, कहीं स्वयं का स्नान तो कहीं गंगा और गंगा तटों का स्नान, कहीं ग्लोबल वार्मिग पर चर्चा तो कही नदियों की स्वच्छता पर कार्यशाला, कहीं एकता का संदेश तो कही बहनों और बेटियों की सुरक्षा पर वार्ता और कहीं वृक्षारोपण तो कहीं कला और तकनीक प्रबंधन पर कार्यशालाओं का आयोजन। यही वह महोत्सव है जिसमें विश्व स्तर की समस्याओं पर चितंन, मथंन और समाधान हेतु गहन विचार विमर्श किया जायेगा।
स्वामी जी महाराज ने कहा कि इस बार का कुम्भ ऐतिहासिक होने वाला है इस बार भारत के यशस्वी और ऊर्जावान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के दिव्य संदेश और उत्तरप्रदेश के कर्मठ मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यानाथ जी के कुशल नेतृत्व और मार्गदर्शन में आयोजित होने वाला यह कुम्भ महोत्सव नई इबारते लिखेगा।
Aayo Kumbh Chale was the tune as @PujyaSwamiji & @SadhviBhagawati inspire Parmarth sevaks from around the world to get ready to serve at the #Kumbh2019!
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— Parmarth Niketan (@ParmarthNiketan) January 6, 2019
परमार्थ निकेतन के आचार्य संदीप भट्ट, कामेश, दिलीप कुमार, नन्द वाला व्यास, अनन्त, उमेश रावत, महेश्वर गिरि, आयुष गौतम, गौरव, मयूर, प्रवीण, अजय चमोली, दुर्गेश अमोली, ऋषभ खण्डूरी, विनय उपाध्याय, रचना गौरव, शिवम्कवि, सुमित भट्ट, शुभम सेमवाल, आदित्य कान्यकुब्ज, परमार्थ भारद्वाज, पिंकल, राम प्रकाश भट्ट, धीरज लसियाल, शिवम रतूडी, साहिल, आदित्य गौड, गौरव सेमवाल, राहुल खण्डूरी, अंशितभद्री, अमन, मयंक मिश्रा, रोहित भट्टकोटी, हेमन्त लेखवार, आयुष उनियाल, सूरज सेमवाल, अंशुल धूलिया, सूरज, सागर, राजेन्द्र, आयुष बडोनी आदि परमार्थ परिवार के सदस्यों, देशी विदेशी सेवकों और ऋषिकुमारों में माँ गंगा के पावन तट पर यज्ञ, पूजन और प्रार्थना कर आओ कुम्भ चले के दिव्य संदेश के साथ प्रस्थान किया।