श्री दिगंबर जैन लाल मंदिर जहाँ स्थित है चैरिटी बर्ड अस्पताल, करता है पक्षियों का मुफ्त इलाज
खुला और नीला आसमान अगर देखें तो कई जीवंत और रंग बिरंगे असंख्य पक्षियों की दृष्टि एक दूसरे के साथ उड़ने और खेलने के लिए हमें स्वतंत्रता की भावना देती है और दिन के किसी भी समय हमारे गंभीर मनोदशा को बढ़ाने की शक्ति रखती है.
लेकिन जब हम इन पंखों वाले जीवों को तकलीफ में देखते हैं, तो दिल में एक गहरी टीस से उठती है. जैन चैरिटी पक्षी अस्पताल, चांदनी चौक में श्री दिगंबर जैन मंदिर के परिसर में स्थित है, यह अस्पताल लाल किले के सामने ही स्थित है. अस्पताल साल 1956 में स्थापित किया गया था और तब से ज़रूरतमंद और बीमार पक्षियों का इलाज निरंतर किया जा रहा है.
कैसा है अस्पताल
जैसे ही आप अस्पताल की सीढ़ियों पर चढ़ते हैं, जैन समुदाय की कुछ विचारधाराएं और सिद्धांत हर समय आपका स्वागत करते रहते हैं। अस्पताल शहर के भीड़ वाले इलाके में स्थित ज़रूर है परन्तु वहां का शोर शराबा मंदिर के भीतर के किसी भी कार्य को बाधित नहीं करता. मंदिर में स्थित शांति और सुकून अस्पताल पहुंचने तक भी महसूस होता है. यह चैरिटी अस्पताल बीमार और घायल पक्षियों के 100% मुफ्त उपचार के लिए जाना जाता है और यह अपने उदार संरक्षकों के दान, प्रेरणा और प्रोत्साहन पर चलता है।
कैसे होता है इलाज
घायल और बीमार पक्षियों को यहां आम लोगों द्वारा लाया जाता है और सावधानी से पशु चिकित्सकों द्वारा इलाज किया जाता है। यहां आपको आम पक्षी से लेकर हर प्रजत्री के पक्षी नज़र आयेंगे. पातियों में बंधा कोई तोता हीओ या फिर घायल मोर या गोरैय्या हो सब आपको यहाँ दिखेंगी. अस्पताल में एक गहन देखभाल इकाई और एक शोध प्रयोगशाला भी शामिल है। आमतौर पर जब तक पक्षी ठीक नहीं हो जाते तब तक उन्हें यहाँ रखा जाता है. उन्हें खाने के लिए अत्यधिक पौष्टिक सब्जियां और बीज मिलते हैं, नहलाया जाता है और अंत में ठीक होने पर उन्हें छोड़ दिया जाता है।
कैसे पहुंचे
अस्पताल के आस-पास कई स्वस्थ पक्षियों को भी देखा जा सकता है जो अंदर भर्ती अपने दोस्तों से मिलने के लिए एक साथ झुंड में आते हैं! अस्पताल में प्रवेश बिल्कुल मुफ्त है। यह दिल्ली के केंद्र में स्थित है और यहाँ आसानी से बस, टैक्सी या मेट्रो द्वारा भी पहुंचा जा सकता है। निकटतम मेट्रो स्टेशन चांदनी चौक है जो येलो लाइन पर स्थित है। आप मेट्रो स्टेशन से रिक्शा ले सकते हैं या अस्पताल ले जा सकते हैं, पुरानी दिल्ली का असल आनंद यहाँ के मार्गों से गुजरकर महसूस कर सकते हैं।
अस्पताल खुलने का समय
अस्पताल हर दिन खुला रहता है और यहाँ आप सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक विजिट कर सकते हैं. बीमार और घायल पक्षियों का निरीक्षण करते समय, आप गिलहरियों को भी आसपास घूमता देख सकते हैं क्यूंकि यह पक्षियों को किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचाती. आपको इस अस्पताल में वो पक्षी भी देखने को मिलेंगे जो कि भारत में नज़र नहीं आते है. वास्तव में यह जगह सभी पक्षी प्रेमियों के लिए एक स्वर्ग है।
अगर आप पक्षी प्रेमी है तो आप भी दान बॉक्स में कुछ अंश डालकर अपना योगदान दे सकते हैं, क्योंकि अस्पताल के लिए हर छोटी मदद महत्वपूर्ण है।