लोक आस्था के महापर्व छठ का चार दिवसीय अनुष्ठान आज सुबह सूरज को अर्ध्य देने के बाद संपन्न हो गया। आस्था और विश्वास का यह पर्व बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, झारखंड, दिल्ली समेत मुंबई में भी बड़े धूम-धाम से मनाया गया। चार दिन तक चलने वाले इस कठिन व्रत का समापन बहुत ही भरोसे और उम्मीद के साथ हुआ। लोगों ने अपनों के लिए छठ माता और सूरज देवता से प्रार्थना की।
उगते सूर्य को अर्घ्य के साथ छठ महापर्व संपन्न क्या आम क्या खास सभी में इस व्रत को लेकर काफी उल्लास देखा गया। चाहे वो नेता हो या अभिनेता, राजा हो या रंक, छठ मैया के आंगन में सभी एक जैसे नजर आये।इस मौके पर नदियों और तालाबों के तटों पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु उमड़े। भजनों और गीत-संगीत से पूरा वातावरण गुंजायमान रहा।
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पर्व के चौथे और अंतिम दिन यानी आज उदीयमान सूर्य के अघ्र्य देने के बाद ही श्रद्दालुओं का व्रत समाप्त हो गया और इसके बाद व्रतियों ने अन्न-जल ग्रहण कर ‘पारण’ कर लिया।
क्या है ‘अर्ध्य’ का अर्थ
मालूम हो कि लोकआस्था का पर्व छठ की काफी मान्यता है, अथर्ववेद के अनुसार षष्ठी देवी भगवान भास्कर की मानस बहन हैं। भगवान सूर्य तेजस्वी और यशस्वी पुत्र देते हैं। अस्तांचल और उदित सूर्य दोनों की पूजा छठ में होती है