कोरोना वायरस संक्रमण के संकट के दौर में आंध्र प्रदेश का तिरुपति मंदिर क्वारंटीन सेंटर में तब्दील हो गया है. आंध्र प्रदेश ही दुनिया भर में मशहूर कुछ मंदिरों ने अपनी इमारतों को क्वारंटीन सेंटर बनाने के लिए दे दिया है.
तिरूमला- तिरुपति, मंदिर के बोर्ड ने अपने स्वामित्व वाली कुछ इमारतों को कोविड-19 मरीजों के क्वारंटीन के लिए मुहैया कराई हैं. यानी इन मंदिरों के घरों के दरवाज़े हर धर्म के लोगों के लिए इन दिनों खुले हुए हैं.
इन मंदिरों की इमारतों में हिंदुओं के साथ मुसलमान ही नहीं बल्कि दूसरे देशों के नागरिकों को भी शरण मिली हुई है. जबकि कुछ लोगों को इन इमारतों में इलाज की सुविधा मिल रही है.
तिरुमला- तिरूपति देवस्थान को दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर माना जाता है. इस मंदिर के पास कई गेस्टहाउस और ठहरने की व्यवस्था वाले लॉज उपलब्ध हैं. इनमें श्रीनिवासम लॉज और माधवम लॉज सबसे प्रमुख हैं. श्रीनिवासम और माधवन लॉज तिरुपति बस अड्डे के पास विशाल परिसर में बने हुए हैं. कोरोना संकट के समय में यहां बेघर और प्रवासी मजदूरों को ठहराया गया है. इनमें विभिन्न क्षेत्रों के, विभिन्न धर्मों और विभिन्न जातियों के लोग शामिल हैं.
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इसके अलावा लॉकडाउन के चलते आस पास के इलाकों में फंसे लोगों को भी यहां ठहराया गया है. इन दो इमारतों के अलावा तिरूपति रेलवे स्टेशन के सामने बने विष्णु निवासम और रेलवे स्टेशन के पीछे बने लॉज को भी तिरुमला तिरुपति देवस्थानम ने आंध्र प्रदेश सरकार को सौंप दिया है ताकि वहां गरीबों, प्रवासी मजूदरों और असहाय लोगों को ठहराया जा सके.
तिरुपति के पास रेनिगुंता हाइवे पर तिरुमला-तिरुपति देवस्थानम की संपत्ति और हाल ही तैयार पद्मावती निलयम का इस्तेमाल कोविड-19 मरीजों के लिए क्वारंटीन सेंटर के रूप में हो रहा है. इमारत में 500 कमरे हैं जिनमें फिलहाल कोविड-19 संक्रमित 200 मरीजों का इलाज चल रहा है.
खाने का भी इंतजाम
इलाज के अलावा तिरुमला-तिरुपति देवस्थानम इन लोगों को खाना भी मुहैया करा रहा है. तिरुमला-तिरुपति देवस्थानम जरूरतमंद लोगों को खाना भी उपलब्ध करा रहा है. महामारी वाले संकट के दौर में मंदिर प्रतिष्ठान प्रतिदिन एक लाख चालीस हजार फूड पैकेट्स हर रोज मुहैया करा रहा है.
इस अभियान में मंदिर प्रतिष्ठान के 500 कर्मचारी जुटे हुए हैं. दोपहर में 70 हजार पैकेट तैयार किये जाते हैं और इतने ही पैकेट रात को बी तैयार किये जाते हैं . ये पैकेट्स तिरूपति अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी और राजस्व विभाग को मुहैया कराये जाते हैं.
पद्मावती निलयम के अलावा श्रीनिवासम और माधवम लॉज और मंदिर के अन्य जगहों पर ठहरे लोगों को भोजन उपलब्ध करा रहे हैं. इस व्यवस्था को समुचित रूप से चलाने के लिए मंदिर प्रतिष्ठान के 500 कर्मचारी दो शिफ्टों में काम कर रहे हैं.
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