जीवन की की मूलभूत शिक्षाओं का Online सत्र
दिल्ली। पूरे विश्व में कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच हमें खुद को बचाने और एक बड़ी जिम्मेदारी सबको बचाने की है। लॉकडाउन से देश के प्रधानमंत्री ने यही कोशिश की है। जैसे जैसे कोरोना वायरस को लेकर वैज्ञानिक जानकारियां आते जा रही है, वैसे-वैसे हम अपने आचरण, व्यवहारष खान-पान और प्रकृति से अपने संबंध पर सोचने को मजबूर हो रहे है।
जैन धर्म की शिक्षाओं के महत्वपूर्ण पहलू कुछ विचारों पर आधारित हैं, जो बेहतर शांतिपूर्ण जीवन जीने में मदद कर सकते हैं। भगवान महावी रने सही विश्वास, उचित आचरण और ज्ञान जैसे विचारों पर जोर दिया, ज्ञान बहुत महत्वपूर्ण है। ये वास्तव में एक व्यक्ति के जीवन को आकार देते हैं। श्रद्धा बहुत ही व्यक्तिगत है, जब तक यह समझ में नहीं आता है कि इसे उपयोगी माना जा सकता है, इसे सिखाया या प्रकाशित नहीं किया जा सकता। इसी तरह, मनुष्यों, जानवरों और पौधों के राज्य सहित सभी जीवित जीवों में एक शुद्ध आत्मा है, जो अपने स्वयं के संबंध में स्वतंत्र है और पूर्ण ज्ञान है। यह शुद्ध आत्मा कर्म जैसी स्थूल चीजों से भरी हुई है, जो वास्तव में हमारे ज्ञान को हमारी स्वतंत्रता को सीमित करती है और अंत में हमें एक दूसरे के साथ बांधती है। जैन धर्म में कर्म का एक अलग अर्थ है। यह जीवित प्राणियों, काम या काम के भाग्य को नियंत्रित करने वाला रहस्यमय बल नहीं है, लेकिन यह बस एक बहुत ही महीन पदार्थ के कंपोजिट को संदर्भित करता है जो इंद्रियों के लिए अनुचित है। एक आत्मा इस मामले के साथ अपनी बातचीत के साथ महान परिवर्तन से गुजरती है। तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी कर्म में विश्वास करते थे और हमें कर्म के दुखों से मुक्त करते हैं और मोक्ष या निर्वाण प्राप्त करते हैं।
महावीर भगवान द्वारा प्रचारित पांच सिद्धांत निम्न हैं:
1. अहिंसा – किसी भी जीवित प्राणी को घायल नहीं करना।
2. सत्य – सत्य बोलना
3. अस्तेय – चोरी न करना
4. त्याग – संपत्ति का मालिक नहीं
5. ब्रह्मचर्य – सदाचारी जीवन जीने के लिए
जैन धर्म ने भी मोक्ष प्राप्त करने के तरीकों की सलाह दी है। इस संदर्भ में नौ तत्त्वों का उल्लेख है। इन नौ सिद्धांतों को कर्म के सिद्धांत के साथ जोड़ा गया है, वे हैं “जीव, अजिव, पुण्य, पाप, अश्रव, बंध, समवारा, निर्जरा और मोक्ष”।
21 दिन के लॉकडाउन के दौरान जैन धर्म और अपने निजी अनुभव को जन-जन तक पहुचांने की एक पहल आचार्य लोकेश मुनि महाराज ने की है। आप भी रोज होने वाले इस प्रसारण को सुनिए और बीते तीन दिनों में हुए प्रसारण को नीचे सुन सकते है।
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Video Courtesy : Ahimsa Vishwa Bharti